भुवनेश्वर : ओडिशा क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) 1,000 करोड़ रुपये के ऑनलाइन क्रिप्टो पोंजी घोटाले के संबंध में बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा से पूछताछ कर सकती है. ईओडब्ल्यू ने 'एसटीए (सोलर टेक्नो अलायंस) टोकन' से संचालित बड़े पैमाने पर अखिल भारतीय घोटाले का खुलासा किया. इस साल अगस्त में इसके भारत प्रमुख गुरतेज सिंह सिद्धू को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू ने सोलर टेक्नो एलायंस की ओडिशा टीम के प्रमुख निरोद दास को भी गिरफ्तार किया है.
ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जेएन पंकज ने आईएएनएस को बताया, "हम अभिनेता से पूछताछ करेंगे, जिन्होंने जुलाई में गोवा के एक आलीशान सितारा होटल (बैंक्वेट हॉल) में आयोजित एसटीए के एक मेगा कार्यक्रम में भाग लिया था. इस बैठक में ओडिशा के कई लोगों सहित एक हजार से अधिक अप-लाइन सदस्यों ने भाग लिया. फिल्म स्टार गोविंदा ने भी एसटीए को प्रमोट करते हुए कुछ वीडियो जारी किए थे. हम घोटाले में उनकी संलिप्तता की प्रकृति का पता लगाने की कोशिश करेंगे. अगर हमें उनकी संलिप्तता केवल समर्थन तक सीमित लगती है तो हम मामले में उन्हें गवाह के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं."
उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू को गोविंदा से पूछताछ करने से पहले एसटीए के कई अन्य सदस्यों से भी पूछताछ करनी है, जो अभी भी फरार हैं, जो फिलहाल उसकी प्राथमिकता सूची में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू की अलग-अलग टीमें एसटीए के वित्तीय और तकनीकी प्रमुख सहित मास्टरमाइंड गुरतेज के फरार मुख्य सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए जल्द ही पंजाब, राजस्थान और गुजरात का दौरा करेंगी. बाद में, हम कंपनी के राज्य प्रमुखों को भी गिरफ्तार करेंगे. उन्होंने कहा कि ओडिशा पुलिस के घोटाला उजागर करने के बाद एसटीए के सभी शीर्ष अधिकारी अपने मोबाइल फोन बंदकर छिप गये हैं. उन्होंने कहा, "उनमें से एक देश से भागने में भी कामयाब रहा, इसलिए हमने एसटीए के तीन शीर्ष सदस्यों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है. हंगरी के नागरिक और गुरतेज के करीबी सहयोगी डेविड गीज़ के खिलाफ भी एलओसी जारी की गई है.''
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बता दें कि ओडिशा के भुवनेश्वर, भद्रक, बालेश्वर, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रापड़ा और केंदुझर जिलों के 10,000 से अधिक लोगों ने कथित तौर पर पोंजी घोटाले में लगभग 30 करोड़ रुपये का निवेश किया है. एसटीए के मुख्य रूप से पंजाब, राजस्थान, बिहार, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में दो लाख से अधिक सदस्य हैं. कंपनी ने आरबीआई की अनुमति के बिना सदस्यों से अवैध रूप से सैकड़ों करोड़ रुपये एकत्र किए हैं. नेपाल, दुबई और हंगरी में भी कई लोगों ने एसटीए में निवेश किया है.