ETV Bharat / bharat

यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारतीय महाविद्यालयों में समायोजित करने का प्रावधान नहीं : केंद्र

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामे में कहा कि अब तक, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) की ओर से किसी भी भारतीय चिकित्सा संस्थान/विश्वविद्यालय में एक भी विदेशी मेडिकल छात्र को स्थानांतरित करने या समायोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है.

medical students returning from Ukraine
medical students returning from Ukraine
author img

By

Published : Sep 16, 2022, 7:33 AM IST

नई दिल्ली: रूसी हमले के बाद यूक्रेन से लौटे हजारों भारतीय मेडिकल छात्रों की उम्मीदों को गुरुवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि कानून के प्रावधानों के अभाव में उन विद्यार्थियों को भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में समायोजित नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने एक हलफनामे में कहा कि अब तक, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) की ओर से किसी भी भारतीय चिकित्सा संस्थान/विश्वविद्यालय में एक भी विदेशी मेडिकल छात्र को स्थानांतरित करने या समायोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे छात्रों का भविष्य अधर में, सरकार से अपील-मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए

सरकार ने उन छात्रों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दायर किया, जो अपने संबंधित विदेशी मेडिकल महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों में पहले से चौथे वर्ष के बैच के मेडिकल छात्र हैं. जो मुख्य रूप से अपने संबंधित सेमेस्टर में भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं. केंद्र ने कहा है कि यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि जहां तक ​​ऐसे छात्रों का संबंध है, भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 या राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम, 2019 के साथ-साथ मेडिकल छात्रों को किसी भी संस्थान से समायोजित या स्थानांतरित करने, साथ ही साथ विदेशी चिकित्सा संस्थानों/कॉलेजों से भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थानांतरण के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के समायोजन की अनुमति नहीं : पवार

हालांकि, इसने कहा है कि यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले विद्यार्थियों को सहायता और सहयोग के लिए एनएमसी ने विदेश मंत्रालय के परामर्श से छह सितम्बर को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें संकेत दिया गया है कि आयोग यूक्रेन की मूल संस्था की अनुमति से अन्य देशों में अपने शेष पाठ्यक्रमों को पूरा करने वाले विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र को स्वीकार करेगा.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट को देश में पढ़ाई करने का मिल सकता है मौका, अगले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय की होगी मीटिंग

सरकार ने कहा कि भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों के स्थानांतरण या समायोजन से संबंधित प्रार्थना पर किसी तरह की कोई और छूट, न केवल भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करेगी, बल्कि देश में चिकित्सा शिक्षकों के मानकों को भी गंभीर रूप से बाधित करेगी. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत ने इससे पहले केंद्र सरकार को कहा था कि वह इन मेडिकल छात्रों को समायोजित करने को लेकर अपनी नीति को रिकॉर्ड पर रखे.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारतीय कॉलेजों में समायोजित करने के लिए SC में याचिका

नई दिल्ली: रूसी हमले के बाद यूक्रेन से लौटे हजारों भारतीय मेडिकल छात्रों की उम्मीदों को गुरुवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि कानून के प्रावधानों के अभाव में उन विद्यार्थियों को भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में समायोजित नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने एक हलफनामे में कहा कि अब तक, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) की ओर से किसी भी भारतीय चिकित्सा संस्थान/विश्वविद्यालय में एक भी विदेशी मेडिकल छात्र को स्थानांतरित करने या समायोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे छात्रों का भविष्य अधर में, सरकार से अपील-मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए

सरकार ने उन छात्रों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दायर किया, जो अपने संबंधित विदेशी मेडिकल महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों में पहले से चौथे वर्ष के बैच के मेडिकल छात्र हैं. जो मुख्य रूप से अपने संबंधित सेमेस्टर में भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं. केंद्र ने कहा है कि यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि जहां तक ​​ऐसे छात्रों का संबंध है, भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 या राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम, 2019 के साथ-साथ मेडिकल छात्रों को किसी भी संस्थान से समायोजित या स्थानांतरित करने, साथ ही साथ विदेशी चिकित्सा संस्थानों/कॉलेजों से भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थानांतरण के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के समायोजन की अनुमति नहीं : पवार

हालांकि, इसने कहा है कि यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले विद्यार्थियों को सहायता और सहयोग के लिए एनएमसी ने विदेश मंत्रालय के परामर्श से छह सितम्बर को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें संकेत दिया गया है कि आयोग यूक्रेन की मूल संस्था की अनुमति से अन्य देशों में अपने शेष पाठ्यक्रमों को पूरा करने वाले विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र को स्वीकार करेगा.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट को देश में पढ़ाई करने का मिल सकता है मौका, अगले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय की होगी मीटिंग

सरकार ने कहा कि भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों के स्थानांतरण या समायोजन से संबंधित प्रार्थना पर किसी तरह की कोई और छूट, न केवल भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करेगी, बल्कि देश में चिकित्सा शिक्षकों के मानकों को भी गंभीर रूप से बाधित करेगी. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत ने इससे पहले केंद्र सरकार को कहा था कि वह इन मेडिकल छात्रों को समायोजित करने को लेकर अपनी नीति को रिकॉर्ड पर रखे.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारतीय कॉलेजों में समायोजित करने के लिए SC में याचिका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.