शोपियां: जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एनआईए ने कई जगहों पर छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) टेरर फंडिंग मामले में सोमवार को शोपियां जिले में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ की सहायता से शोपियां जिले के बोंगम और बोनबाजार क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली. इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक एनआईए के छापे जारी थे.
एनआईए की टीमों के साथ स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी हैं. सूत्रों ने कहा कि एजेंसी कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की जांच कर रही है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है. अधिक विवरण की प्रतीक्षा है. इससे पहले 11 मई को भी एनआईए ने कई जगह छापेमारी की कार्रवाई की थी. बता दें कि एनआईए ने 11 मई को जम्मू-कश्मीर में 11 जगहों पर छापेमारी की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बड़गाम, बारामूला, पुलवामा और कुपवाड़ा जिलों में छापेमारी की थी.
इससे पहले 10 मई को और कार्रवाई के दौरान एनआईए ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर दिसंबर 2017 में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में कश्मीर के लेथपोरा में आतंकवादी फयाज अहमद खान की छह दुकानें जब्त कर ली थी. इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे जबकि तीन आतंकवादी जवाबी कार्रवाई में मारे गए थे. जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर छापेमारी के बाद एनआईए ने मई 2022 में मुजम्मिल मुश्ताक भट के साथ खान को गिरफ्तार किया था.
एनआईए अधिकारी ने बताया था कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के दो कार्यकर्ता भट और खान पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के साथ संपर्क में थे. वे आतंकवादी गतिविधियों के लिए रसद प्रदान करने, आतंकवादी प्रचार फैलाने, कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठन के नए सदस्यों की भर्ती करते थे. टीआरएफ आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा है. जानकारी के मुताबिक टीआरएफ और उसके स्वयंभू कमांडर सज्जाद गुल हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे हैं, उन्हें प्रेरित और भर्ती कर रहे हैं.
(इनपुट एजेंसियां)