नई दिल्ली : देश में कम से कम 17,72,889 लोग बेघर हैं (Nearly 18 lakh people homeless in country), जिनमें से 9,38,348 शहरी क्षेत्रों में हैं, जबकि 8,34,541 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं. सरकार ने भारत की जनगणना 2011 का हवाला देते हुए राज्यसभा में ये जानकारी दी है.
केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Puri) ने सांसद पी. वी. अब्दुल वहाब के एक प्रश्न के जवाब में ये जानकारी साझा की, जिसमें पूछा गया था कि क्या सरकार ने हाल के दिनों में देश में बेघर लोगों पर कोई अध्ययन किया है और क्या सरकार के पास बेघर लोगों का कोई डेटा है.
केंद्रीय मंत्री ने भारत की जनगणना 2011 का हवाला देते हुए देश के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसार बेघर लोगों का डेटा प्रदान किया. लेकिन 2019 के बाद से बेघर लोगों की संख्या में वृद्धि या कमी पर डेटा उपलब्ध नहीं है. क्या यह सच है कि COVID-19 के बाद बेघर लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है.
केंद्रीय मंत्री पुरी द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्र में 1,80,929 लोग बेघर हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 1,11,373, पश्चिम बंगाल में 1,04,967 और गुजरात में 84,822 लोग शहरी क्षेत्रों में बेघर हैं. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में 1,48,196 लोग, राजस्थान में 1,08,308 लोग, महाराष्ट्र में 99,535 लोग और आंध्र प्रदेश में 69,354 लोग बेघर हैं.
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में सड़कों पर रहने वाले बेघर लोगों की संख्या 3,29,125 है, इसके बाद महाराष्ट्र में 2,10,908, राजस्थान में 1,81,544, पश्चिम बंगाल में 1,34,040, मध्य प्रदेश में 1,46,435 हैं , आंध्र प्रदेश में 1,45,211 और गुजरात में 1,44,306 लोग बेघर हैं.
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