हैदराबाद: महाराष्ट्र में भाजपा नेताओं के खिलाफ हिंसा के बाद से ही भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कर रही है. हालांकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार को विश्वास है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ऐसा कदम कतई नहीं उठाएगी. पवार ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा जो लोग बेचैन हैं उनसे अन्य विकल्पों की तलाश करने की उम्मीद की जाती है. लेकिन उन्हें गंभीरता से लेने की कोई जरूरत नहीं है. मुझे नहीं लगता कि वे (भाजपा नेता) इतना गंभीर कदम उठाएंगे. कोल्हापुर उपचुनाव के परिणामों ने उन्हें दिखाया है कि क्या होगा (उनके साथ) यदि वे चुनाव में गए तो.
एनसीपी प्रमुख ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम लिए बगैर पूर्व सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना सत्ता के लोग बेचैन हो गए हैं. सत्ता आती है और जाती है लेकिन बेचैन होने की कोई जरूरत नहीं है. इन दिनों कुछ लोग बहुत बेचैन हो गए हैं. मैं उन्हें दोष नहीं दे सकता क्योंकि विधानसभा चुनाव-2019 से पहले उन्होंने घोषणा की थी कि वे सत्ता में वापस आ रहे हैं. जो नहीं हुआ. पवार ने कहा राकांपा प्रमुख ने अमरावती के सांसद-विधायक युगल नवनीत और रवि राणा को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की योजना बनाने के लिए भी दोषी ठहराया.
पवार ने कहा कि यदि आप कोई धार्मिक अनुष्ठान करना चाहते हैं तो आप इसे अपने घर पर कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इसे मेरे घर के बाहर करने की घोषणा करते हैं तो आप मेरे समर्थकों के गुस्से के लिए मुझे दोषी नहीं ठहरा सकते. विभिन्न समुदायों के बीच शांति बनाने के लिए काम कर रहे हैं. पवार ने मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ भी बात की. पवार ने कहा कि सरकार की नीति पर कोई भी मुख्यमंत्री की आलोचना कर सकता है लेकिन आप उनका अपमान नहीं कर सकते. साथ ही संस्था (मुख्यमंत्री) का सम्मान करना चाहिए. शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि जब से योगी-2 सरकार सत्ता में आई है, तब से बहुत सारे अपराध और बलात्कार हुए हैं. यदि आप राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते है और हिम्मत है तो इसे उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में एक लागू करें.
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