नई दिल्ली : यूं तो तिहाड़ जेल में मारपीट, सुसाइड यहां तक कि हत्या की घटनाएं तक हुई हैं, लेकिन पांच जनवरी को तिहाड़ जेल नंबर एक में अजीबोगरीब घटना हुई. एक कैदी ने वार्डर और अन्य कैदियों के सामने ही छोटा मोबाइल निगल (inmate swallow mobile in tihar) लिया. इस घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई और उस कैदी को फौरन जेल में बने अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन जब उसकी हालत गंभीर होने लगी तो उसे फौरन दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक्स-रे के बाद यह कंफर्म हो गया कि मोबाइल पेट में फंसा हुआ है. DDU के डॉक्टरों की मेहनत से आखिरकार 10 दिन बाद उसके पेट से मोबाइल निकालने में सफलता मिली.
तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल से मिली जानकारी के अनुसार, मोबाइल निगलने वाला कैदी घटना के बाद से DDU में डॉक्टरों की निगरानी में भर्ती था. डॉक्टर इस बात की कोशिश में थे कि बिना सर्जरी मोबाइल निकाला जा सके और आखिरकार 15 जनवरी को डॉक्टरों को सफलता मिली और बिना ऑपरेशन मोबाइल निकाल लिया गया. अब कैदी की हालत ठीक है और उसे जेल में डाल दिया गया है.
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जेल की सुरक्षा पर सवाल
तिहाड़ जेल से मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना तब हुई जब कैदियों की तलाशी ली जा रही थी कि कहीं उनके पास मोबाइल तो नहीं है. इस दौरान जो वार्डर चेकिंग कर रहे थे, उनकी नजर इस कैदी पर पड़ी जो कुछ छिपाने की कोशिश करता दिख रहा था. जब तक वार्डर उस कैदी तक पहुंचता उसने मोबाइल निगल लिया. दरअसल तिहाड़ जेल से मिली जानकारी के अनुसार, यह फोन आकार में छोटा था, लेकिन सबसे अधिक हैरानी की बात यह है कि इतनी सख्ती के दावे जो जेल प्रशासन की तरफ से किए जाते हैं, उसके बावजूद यह मोबाइल फोन इन कैदियों के पास जेल में पहुंचा कैसे.