रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के माना में एनजीओ द्वारा संचालित एसओएस बालग्राम (Mana Balgram Raipur) में अनाथ बच्चों की परवरिश के साथ-साथ उन्हें शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है. यह संस्था यहां पिछले कई वर्षों से संचालित है. इस संस्था में करीब 15 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची तीन माह की गर्भवती हो चुकी है. ऐसे में गरीब और अनाथ बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देने और उनका लालन-पालन करने वाले एनजीओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने बालग्राम का जायजा लिया तो सुरक्षा के लिहाज से वहां की व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त नजर आई. किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. बालग्राम में पुरुष स्टॉफ का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इसके बावजूद हमारे कैमरे में पुरुष स्टॉफ भी कैद हुए हैं.
आस्ट्रिया का इंटरनेशनल एनजीओ कर रहा बालग्राम संस्था का संचालन
रायपुर जिले के माना में पिछले कई वर्षों से आस्ट्रिया का इनंटरनेशल एनजीओ एसओएस (Austrias International NGO SOS) बालग्राम का संचालन कर रहा है. यहां अनाथ और गरीब बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और पालन-पोषण का काम किया जा रहा है. वर्तमान में इस बालग्राम में 122 नाबालिग बच्चियां रह रही हैं. उनका पूरा खर्चा एनजीओ एसओएस वहन कर रहा है. 26 नवंबर 2021 को माना थाने में बालग्राम संस्था में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला संस्था के कर्मी ने दर्ज कराया, लेकिन पुलिस की डीएसआर में इसका उल्लेख नहीं है. ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल की तब जाकर मामला उजागर हुआ. इस मामले में जब हमने माना टीआई शरद चंद्रा से बात की तो उन्होने बताया कि संस्था द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने का मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद माना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
दीवार फांदकर बालग्राम घुस जाता था आरोपी
यहां सवाल उठता है कि आखिर बच्ची जब तीन माह की गर्भवती हो गई तब जाकर संस्था (Balgram Sanstha Mana Raipur) को इसका पता क्यों लगा. क्या इससे पहले संस्था के जिम्मेदार बेसुध थे? ऐसे में इतने महीने तक उक्त संस्था क्या कर रही थी. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस या फिर प्रशासन को क्यों नहीं दी. माना के बालग्राम में जहां नाबालिग बच्चियां रहती हैं, उस कैंपस के करीब ही आरोपी भी रहता है. कैंपस की दीवार फांदकर वह बालग्राम के अंदर प्रवेश किया करता था और बच्ची से दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देकर वहां से दोबारा दीवार फांदकर बाहर निकल जाता था.
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सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी नहीं
बता दें कि सुरक्षा के लिहाज से बालग्राम (Balgram Sanstha Mana Raipur) में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं. ऐसे में कोई भी दीवार फांदकर कभी भी बालग्राम के अंदर प्रवेश कर इस तरह की घटना को अंजाम दे सकता है. प्रशासन को एनजीओ द्वारा संचालित इस बालग्राम पर कड़ी और सख्त कार्रवाही करने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता. आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, ये एक अहम सवाल है.
छत्तीसगढ़ में अब तक के बड़े मामलों पर एक नजर
- साल 2013 में कांकेर के झलियामारी छात्रावास में 15 नाबालिग छात्राओं के साथ हुआ था दुष्कर्म.
- साल 2013 में बीजापुर के भोपालपट्टनम के छात्रावास में शिक्षक पर लगा था नाबालिग से अश्लील हरकत करने का आरोप.
- बालोद के अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में साल 2016 में उजागर हुआ था नाबालिग से दुष्कर्म का मामला.
- जशपुर के बरटोली कन्या छात्रावास में 28 अगस्त 2016 को एक युवक ने नाबालिग से की थी अश्लील हरकत.
- कांकेर के प्रयास छात्रावास में तीन बदमाशों में 15 सितंबर 2016 की आधी रात घुसकर नाबालिग से की थी अश्लील हरकत.
- दंतेवाड़ा में 31 जुलाई 2017 को पालनार के छात्रावास में सीआरपीएफ के जवानों पर छेड़छाड़ का आरोप.
- जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र में 22 सितंबर 2021 को मूक-बधिर बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. जबकि केयर टेकर द्वारा भी 5 बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था.