नई दिल्ली: दिल्ली में बीते दिनों हुए सामूहिक धर्मांतरण समारोह में शामिल होकर सुर्खियों में आए मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को उन्होंने दो पेज का अपना इस्तीफा भेजा है.
इस्तीफा के बाद उन्होंने कहा है कि आज महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकटोत्सव दिवस है एवं दूसरी ओर मान्यवर कांशीराम साहेब की पुण्यतिथि भी है. ऐसे संयोग में आज मैं कई बंधनों से मुक्त हुआ और आज मेरा नया जन्म हुआ है. अब मैं और अधिक मजबूती से समाज पर होने वाले अत्याचारों व अधिकारों की लड़ाई को बिना किसी बंधन के जारी रखूंगा.
हां मैं शामिल हुआ था: गौतम ने कहा कि जिस वायरल वीडियो को लेकर आप और मेरे मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की जा रही है, वो गलत है. मैं इससे बहुत आहत हूं. 5 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में बतौर सदस्य शामिल हुआ था, इससे मेरी पार्टी और मुख्यमंत्री का कुछ भी लेना देना नहीं था. अरविंद केजरीवाल ने मुझ पर भरोसा जताया है. इसके लिए उनका आभार जताता हूं. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के दिखाए मार्ग पर जो भी मुझे जिम्मेदारी दी गई मैंने निस्वार्थ होकर उसका पालन किया. आगे भी पार्टी का एक सिपाही होने के नाते काम करता रहूंगा. कुछ मनुवादी लोग मुझे फोन, व्हाटसएप के माध्यम से गाली और परिवार को नुकसान पहुंचाने की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं. मैं अपने समाज और उनके अधिकार के लिए लड़ता रहूंगा, इसके लिए चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए. मैं कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं.
5 अक्टूबर को हुआ था कार्यक्रम: बीते दिनों दिल्ली में सामूहिक धर्मांतरण समारोह हुआ था, जिसमें मंत्री के भी शामिल होने का दावा BJP ने किया था. अंबेडकर भवन का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसमें कुछ लोग सामूहिक धर्मांतरण (mass conversion in delhi) कराते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान उन्हें हिंदू देवी देवताओं की पूजा न करने की शपथ दिलाई जा रही. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि धर्मांतरण कराने वालों के बीच दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (Minister Rajendra Pal Gautam) भी मौजूद हैं.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद BJP लगातार मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रही थी. गुजरात में CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर भी लगाया गया था, जिसमें उनको हिन्दू विरोधी बताया गया था. गौतम के खिलाफ बीजेपी ने संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
जानें कौन हैं राजेंद्र पाल गौतम : इनके पास समाज कल्याण, एससी और एसटी, गुरुद्वारा चुनाव, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार विभाग हैं. यह पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी विधानसभा से विधायक हैं. राजनीति में आने से पहले गौतम वकालत करते थे. 2014 में गौतम आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में सीमापुरी निर्वाचन क्षेत्र से 48 हजार 885 वोटों के अंतर से जीतने के बाद उन्हें विधायक के रूप में चुना गया था. धर्मांतरण की यह शुरू से पैरवी करते रहे हैं.
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धर्मांतरण के पक्षधर रहे हैं राजेंद्र पाल गौतम: अक्टूबर 2020 में गाजियाबाद में धर्मांतरण के एक मामले पर इन्होंने कहा था कि यह धर्म परिवर्तन नहीं, घर वापसी है. गाजियाबाद में वाल्मीकि समाज के लोगों का बौद्ध धर्म अपनाने का मामला था. जिन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया था वे सब लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर पहले मिल चुके थे.उस समय भी उन्होंने कहा था कि बौद्ध धर्म हमारे अपने देश का धर्म है. 'यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है. जो लोग आज बौद्ध धर्म अपना रहे हैं, वे अपने ही समाज में वापस लौट रहे हैं. यह संप्रदाय नहीं है. यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है जो मैत्री और न्याय की बात करती है.
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पूर्वजों को बताया था बौद्ध : राजेंद्र पाल गौतम ने बौद्ध धर्म से जुड़े इतिहास का जिक्र करते हुए कहा था कि बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार बहुत वृहद था, जिसे खत्म करने का षड्यंत्र हुआ. बौद्ध मठ तोड़े गए. आज जैसे-जैसे लोगों को पता चल रहा है कि उनके पूर्वज बौद्ध थे, वे इसमें फिर से आ रहे हैं.