सोमनाथ: देश के प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ में भक्तों की अपार आस्था है. अब अखिल भारतीय इमामी एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रसीदी ने सोमनाथ मंदिर को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है और इस पर सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति जताई है. ट्रस्ट ने मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी के खिलाफ एक पुलिस शिकायत भी दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी टिप्पणी विवादास्पद थी.
सोमनाथ ट्रस्ट के महाप्रबंधक विजय सिंह चावड़ा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. लिहाजा आने वाले दिनों में शिकायत के आधार पर पुलिस मोलाना मोहम्मद साजिद रसीदी को हिरासत में लेने की दिशा में जांच शुरू कर रही है. आपको बता दें कि मोहम्मद साजिद रशीदी अक्सर विवादों में रहते हैं. इस बार वह सोमनाथ मंदिर को लेकर दिए गए बयान को लेकर फंस गए हैं. यह पहली बार नहीं है जब मोहम्मद साजिद रशीदी ने सोमनाथ मंदिर पर टिप्पणी की है.
वह पहले भी कई बार इस तरह के कमेंट कर चुके हैं. इसी वजह से उनका विरोध हुआ था. साजिद ने अपने बयान में कहा था कि 'जिस तरह मंदिर पर आक्रमण किया गया, इतिहास में बताया जा रहा है, जो उनकी फौज में कमान्डर होते थे, वो उनको खबर देते थे कि वे जगहों पर गलत काम हो रहे हैं. आप मुझे आदेश दे कि मैं सेना ले जाकर ऐसा करना चाहता हूं. बादशाह आदेश देते थे. ऐसे गलत काम को रोकने के लिये कहते थे. ऐसे बहुत सारे किस्से है.'
आगे उन्होंने कहा कि 'महमूद गजनवी को कहते है कि उन्होंने सोमनाथ का मंदिर तोड़ा है, इतिहास तो यह है कि वहां के लोगों ने ही उनको बताया कि आस्था के नाम पर वहां क्या हो रहा है. देवी-देवता के नाम पर क्या हो रहा है. लड़कियों को लापता कर दिया जाता था. जब इस बात की पुख्ता जानकारी ली उसके बाद उसने सोमनाथ पर चड़ाई की. सोमनाथ के मंदिर को तोडने का काम उन्होंने नहीं किया. वहां जो गलत काम हो रहे थे, उनको खत्म करने का काम किया है.'
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अब इस मामले में मौलाना साजिद राशिद ने कहा है कि मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. मैंने इतिहासकार रोमिला थापर को पढ़ा और उसी के अनुसार टिप्पणी की. मैं सोमनाथ के ट्रस्टियों से माफी मांगता हूं क्योंकि मेरा इरादा ठेस पहुंचाने का नहीं था. मुसलमानों ने 800 वर्षों तक शासन किया और मंदिरों के लिए भूमि दान की और उनका सौंदर्यीकरण किया.