रायपुर: छत्तीसगढ़ में दीपावली पर्व के साथ ही गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व बड़े ही धूमधाम (Matar festival of Yaduvanshi samaj in chhattisgarh) से मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के 1 दिन बाद यदुवंशी धूमधाम से मातर मनाते हैं. रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित में पिछले कई दशकों से मातर की परंपरा राज यादव ठेठवार परिवार मनाते आ रहा है. ईटीवी भारत ने मातर की परंपरा और इसके इतिहास को लेकर राज यादव ठेठवार परिवार से बातचीत किया है. Matar Tihar 2022
100 साल से मनाया जा रहा है मातर: पुरानी बस्ती में राज ठेठवार परिवार की तरफ से मातर का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. डॉ रेवाराम यदु ने बताया "मातर पूर्वजों की ओर से जंगल में जाकर इस कार्य को किया जाता था. जंगल में कोई नहीं होने के कारण 1 देवी देवता की जरूरत होती थी. इस कार्य को पूरा करने के लिए फूडहर देवता की पूजा की जाती है. यह परंपरा पुरातन काल से चली आ रही. इस दिन गाय के बछड़े की पूजा की जाती है." govardhan puja in chhattisgarh
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हर साल उल्लास के साथ मनाते हैं मातर तिहार: यादव ठेठवार समाज के उपाध्यक्ष नवीन यदु ने बताया "हर साल मातर उल्लास के साथ मनाया जाता है. मुख्यता गौवंश के संवर्धन और पालन को जोड़ते हैं. यह पर्व कृषि संस्कृति और ऋषि संस्कृति से संबंध रखता है. इस दिन गौवंश के संवर्धन पर ज्यादा जोर दिया जाता है." Matar Tihar in chhattisgarh
दोहा पारकर मनाया जाता है मातर: गजेश यदु ने बताया कि "दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा (govardhan puja in chhattisgarh) की जाती है. जिसमें अन्नकूट के साथ गायों की पूजा होती है. भाई दूज के दिन ठेठवार समाज के लोगों की तरफ से मातर का उत्सव मनाया जाता है. मातर का पर्व आज से शुरू होता है. इस दौरान सभी स्वजाति बंधु एक दूसरे के घरों पर जाते हैं और देवता धामी में भी पूजा-अर्चना होती है. साथ ही गाजे बाजे के साथ दोहा पढ़ते हुए यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं."