नई दिल्ली: दिल्ली में मेयर का चुनाव कब होगा, इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि बीते तीन बार से सदन में हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जा रही है. अब दिल्ली सरकार ने मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का फैसला लिया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज भी सदन में हमारे सभी पार्षद शांत बैठे रहे. हमारे पार्षद शांति से मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमिटी के सदस्यों का चुनाव कराना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने लोकतंत्र को ताक पर रखकर अपनी गुंडागर्दी से आज साफ कर दिया कि वे मेयर का चुनाव नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि मेयर का चुनाव कानून के तरीके से हो, इसके लिए अब हम हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारी बात सुनेगी और कानून के तहत मेयर का चुनाव कराएगी. एक बार मेयर का चुनाव हो जाए तो डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमिटी के सदस्यों का चुनाव भी हो जाएगा.
15 साल का भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगाः सिसोदिया ने आगे कहा कि दिल्ली की जनता ने इनके 15 साल के भ्रष्टाचार से तंग आकर एमसीडी में पहली बार ईमानदार केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बहुमत दिया. हमारे पास 134 पार्षद हैं. हमारे पास नंबर है, लेकिन भाजपा हमारा मेयर नहीं बनने दे रही है. इससे एक बात स्पष्ट है कि इन्हें पता है कि आम आदमी पार्टी का मेयर बनेगा तो इनके द्वारा एमसीडी में जो बीते 15 साल में भ्रष्टाचार किया गया है, वह जनता के सामने आ जाएगा.
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तीनों चुनाव एक बार में कराना गैरकानूनीः सिसोदिया ने कहा कि आज सदन में पीठासीन अधिकारी ने कहा कि 10 एल्डरमैन वोट करेंगे, लेकिन संविधान में ऐसा नहीं लिखा गया है कि एल्डरमैन मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमिटी के सदस्यों के चुनाव में वोट करेंगे. सिसोदिया ने कहा कि संविधान 243आर में लिखा है कि यह एल्डरमैन वोट नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मेयर बनने के बाद मेयर अध्यक्ष होगा और इनकी निगरानी में डिप्टी मेयर और 6 स्टेंडिंग कमिटी के सदस्य के चुनाव होंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा आप के दो एमएलए पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. भाजपा का कहना है कि वह वोट नहीं करेंगे. भ्रष्टाचार का आरोप तो कई के पास है. भाजपा आज मन बना कर आई थी कि चुनाव नहीं होने दिया जाए.