कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal chief minister Mamata Banerjee) और राज्यपाल जगदीप धनखड़ (The governor Jagdeep Dhankar) के बीच जारी खींचतान ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर राज्य के आईपीएस अधिकारियों (IPS Officers) को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के पुलिस अधीक्षक, अमरनाथ के को समीक्षा बैठक में इस मामले पर मुख्यमंत्री के संदेह का सामना करना पड़ा.
बैठक के दौरान पूर्वी मिदनापुर की बारी आई तो अचानक मुख्यमंत्री ने पूछा कि एसपी कहां छुपे हुए हैं? जब अमरनाथ खड़े हुए तो मुख्यमंत्री ने उनसे पहला सवाल किया कि राज्यपाल ने आपको बुलाया है या नहीं?
मुख्यमंत्री ने पूछा मुझे आपके जिले के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं. मैंने तुम्हें कई बार सावधान किया है, लेकिन तुमने कुछ नहीं किया. जिले में कुछ राजनीतिक नेता हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे हैं. क्या राज्यपाल आपको बुला रहे हैं? क्या वह आपको ऐसा करने का निर्देश दे रहे हैं या नहीं? अगर वह कहते हैं कि आप उसकी बात का पालन नहीं करते हैं. आप राज्य सरकार को रिपोर्ट करें. आप अपना फैसला खुद लेंगे और समझदारी से काम लेंगे. यदि आप कोई राजनीतिक दबाव महसूस करते हैं तो मुझे बताएं.
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता इसी पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. मुख्यमंत्री को विपक्ष के नेता से इसी सीट पर काफी कम अंतर से हराया था.
पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने व्यवहार से स्पष्ट किया कि वह चाहती हैं कि पुलिस प्रशासन केवल तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम करे. आईपीएस अधिकारी राज्य सरकार को रिपोर्ट करते हैं लेकिन सत्ताधारी दल को नहीं. सत्ताधारी दल उन्हें वेतन नहीं देता है. यही कारण है कि दूसरे राज्यों के अधिकारी पश्चिम बंगाल में सेवा के लिए नहीं आना चाहते हैं.
प्रशासनिक समीक्षा बैठक में, अमरनाथ जैसे कई नौकरशाहों और अधिकारियों को मुख्यमंत्री के क्रोध का सामना करना पड़ा. ममता स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रशासनिक चूक को बर्दाश्त नहीं करेंगी.