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लॉजिस्टिक नीति ने अंतर्संबद्ध ढांचे के विकास का मसौदा तैयार किया: विशेषज्ञ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति जारी की है. विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि ये लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग की सभी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार की सकारात्मक मंशा दर्शाती है.

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Published : Sep 18, 2022, 7:41 PM IST

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मुंबई : राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति ने अधिक परस्पर संबद्ध ढांचा विकसित करने के लिए मसौदा तैयार किया है जिससे इस क्षेत्र की लागत और परिचालन दक्षता में सुधार होगा. विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताया है.

स्टेलर वैल्यू चेन सॉल्यूशंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को जारी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग की सभी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार की सकारात्मक मंशा को दर्शाती है. सिंह ने कहा कि इस नीति से न केवल सभी लॉजिस्टिक खिलाड़ियों के एक साथ आने और विश्व स्तर पर लॉजिस्टिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उन निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा जो लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक हैं.

डीपी वर्ल्ड सबकॉन्टिनेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रिजवान सोमर ने कहा, 'सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, सेवाओं और मानव पूंजी में नियामक और प्रक्रियात्मक सुधारों के लिए नीति में अपनाया गया बहु-आयामी दृष्टिकोण निवेश आकर्षित करने में प्रमुख उत्प्रेरक होगा.'

ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक विनीत अग्रवाल के अनुसार निर्बाध मल्टीमॉडल परिवहन और आधुनिक संपर्क को बढ़ावा देने से आमूलचूल बदलाव होंगे. यह परिवहन के दबाव को सड़क से दूसरे माध्यमों की ओर स्थानांतरित कर देगा. अग्रवाल ने कहा कि एनएलपी के तहत प्रस्तावित यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) ग्राहकों के लिए सूचनाओं को बढ़ाएगा और टीसीआई जैसी लॉजिस्टिक कंपनियों को बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण को अपनाने में सक्षम बनाएगा.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है. बता दें, इस नीति से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में आने का अनुमान है.

पढ़ें- एक समय था जब हम कबूतर छोड़ते थे, आज चीता छोड़ते हैं: पीएम मोदी

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति ने अधिक परस्पर संबद्ध ढांचा विकसित करने के लिए मसौदा तैयार किया है जिससे इस क्षेत्र की लागत और परिचालन दक्षता में सुधार होगा. विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताया है.

स्टेलर वैल्यू चेन सॉल्यूशंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को जारी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग की सभी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार की सकारात्मक मंशा को दर्शाती है. सिंह ने कहा कि इस नीति से न केवल सभी लॉजिस्टिक खिलाड़ियों के एक साथ आने और विश्व स्तर पर लॉजिस्टिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उन निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा जो लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक हैं.

डीपी वर्ल्ड सबकॉन्टिनेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रिजवान सोमर ने कहा, 'सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, सेवाओं और मानव पूंजी में नियामक और प्रक्रियात्मक सुधारों के लिए नीति में अपनाया गया बहु-आयामी दृष्टिकोण निवेश आकर्षित करने में प्रमुख उत्प्रेरक होगा.'

ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक विनीत अग्रवाल के अनुसार निर्बाध मल्टीमॉडल परिवहन और आधुनिक संपर्क को बढ़ावा देने से आमूलचूल बदलाव होंगे. यह परिवहन के दबाव को सड़क से दूसरे माध्यमों की ओर स्थानांतरित कर देगा. अग्रवाल ने कहा कि एनएलपी के तहत प्रस्तावित यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) ग्राहकों के लिए सूचनाओं को बढ़ाएगा और टीसीआई जैसी लॉजिस्टिक कंपनियों को बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण को अपनाने में सक्षम बनाएगा.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है. बता दें, इस नीति से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में आने का अनुमान है.

पढ़ें- एक समय था जब हम कबूतर छोड़ते थे, आज चीता छोड़ते हैं: पीएम मोदी

(पीटीआई-भाषा)

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