इंदौर। लता मंगेशकर की जन्मस्थली इंदौर में 'सुरों की मल्लिका' के दुर्लभ गानों को उनके सबसे बड़े प्रशंसक सुमन चौरसिया ने बड़े सहेज कर रखा है. उनके पास लता के गाए 7000 से अधिक गीतों का ग्रामोफोन संग्रह है.(Lata ji was born in Indore)
सुर साम्राज्ञी के 7600 गीतों का दुलर्भ संग्रह: इंदौर में सुर साम्रज्ञी के 7600 गीतों का दुर्लभ संग्रह (Lata Deenanath Mangeshkar Gramophone Record Museum) मौजूद है, जिसे लता मंगेशकर के खास प्रशंसक सुमन चौरसिया ने सहेज रखा है. सुमन चौरसिया लता दीदी के एकमात्र ऐसे दीवाने हैं जिन्होंने अपनी पूरी जीवन की जमा पूंजी को खर्च करके देश और दुनिया में बिखरे उन के तमाम गानों को ग्रामोफोन रिकॉर्ड के जरिए सहेजा है. लता मंगेशकर के इतने गाने खुद उनके पास भी नहीं है. सुमन चौरसिया ने 2007 में लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय की स्थापना की थी, इसके बाद 2014 में लता समग्र किताब का प्रकाशन भी सुमन चौरसिया द्वारा किया गया जो लता जी को भेंट की गई थी.
लता जी के पास भी नहीं ऐसा कलेक्शन: लता मंगेशकर ने करियर की शुरुआत 1948 में जीवन यात्रा फिल्म में गाए गीत 'चिड़िया बोले चू चू चू' से की थी, इसके पहले 1946 में मुंबई के सिग्नल कॉलेज के लड़कों ने गौतम बुद्ध नाम से मंचन किया था, इस मंचन में भी छात्रों के अनुरोध पर लता मंगेशकर ने कुछ गाने गाए थे जो सुमन चौरसिया के अलावा किसी के पास नहीं है. इसके अलावा क्लासिकल गानें जो रेडियो अथवा अन्य किसी माध्यम पर नहीं बजे वह भी इंदौर के सुमन के संग्रहालय में मौजूद हैं. यहां लता जी के हिंदी के अलावा अन्य 30 भाषाओं में भी कई गीत मौजूद हैं जो लता जी के लिए भी दुर्लभ है. ऐसा मौका कई बार आया जब खुद लता मंगेशकर को अपने गानों का रिकॉर्ड सुमन चौरसिया से मंगाना पड़ा है. Lata Mangeshkar Birth Anniversary
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आज भी इंदौर वाले घर में बजते हैं स्वर कोकिला के गाने: लता मंगेशकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था. इंदौर के मोहल्ले में जहां दीनानाथ मंगेशकर का घर था, वहां एक समय में सिख रेजीमेंट हुआ करती थी. तब यहां मराठी संस्कृति का बोलबाला था. लता मंगेशकर ( Lata ji relation with Indore) के जन्म के बाद दीनानाथ मंगेशकर, उनके पुत्र हृदयनाथ मंगेशकर और अन्य बहनें इंदौर छोड़कर मुंबई शिफ्ट हो गई थी. इसके बाद उनका यह घर दो बार बिक गया था. बाद में उसे एक मेहता परिवार ने खरीदा, जहां फिलहाल कपड़ों का एक शोरूम है. इस शोरूम में भी लता जी का जन्म स्थान पर उनका एक म्यूरल लगाकर सजाया गया है. इस शोरूम में आज भी लता जी के गाने बजाए जाते हैं.