लखीमपुर खीरी: आपने 'पंचायत' नाम की वेब सीरीज तो देखी होगी, जिसमें प्रधान सेक्रेटरी मिलकर कैसे शौचालय निर्माण में गोलमाल करते हैं. उसी की एक झलक उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में देखने को मिली. भृष्टाचार और घटिया निर्माण से 2016 में बने एक शौचालय ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं. मैगलगंज के चपरतला गांव में पुराने, जर्जर शौचालय की दीवार और छत भरभराकर ताश के पत्तों की तरह ढह गई. मलबे में दबकर पांच साल के बालक की मौत हो गई. खबर मिलने के बाद भी कोई जिम्मेदार अफसर मौके पर नहीं पहुंचा. घटना के काफी देर बाद डीपीआरओ मौके पर पहुंचे.
मैगलगंज इलाके के चपरतला गांव निवासी लालता के घर के बाहर शौचालय था. वर्ष 2016 में यह शौचालय बना था. पीली ईंटों से बना होने के चलते शौचालय का उपयोग नहीं हो रहा था. शनिवार को लालता का पांच साल का बेटा पंकज अपने दोस्तों संग शौचालय के पास खेल रहा था. अचानक शौचालय की छत भरभराकर गिर गई, जिसके मलबे के नीचे वह दब गया. बच्चे के पिता की तहरीर पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
परिजनों ने शौचालय के निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है. कहा कि प्रधान ने ठेकेदार के साथ मिलकर घटिया सामग्री लगवाकर शौचालय बनाए थे. इस बाबत ग्राम प्रधान श्रवण यादव का कहना है कि शौचालय का निर्माण छह साल पहले किया गया था. दो जानवर आपस में लड़ रहे थे. उसकी टक्कर से शौचालय गिर गया.
शौचालय निर्माण पर उठ रहे सवालः सरकारी अनुदान पर बने शौचालय का ढह जाना बड़े सवाल खड़ा कर रहा है. सात साल पहले ही लालता का शौचालय बना था. लेकिन, उसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हुआ. लालता का कहना है कि शौचालय बना ही ऐसा था कि उसमें जाने से डर लगता था. प्रधान और सचिव ने ठेके पर यह शौचालय बनवाया था. शुरू से ही उसकी हालत खराब थी. बाद में उसका इस्तेमाल बंद हो गया. कई साल से शौचालय बस बना खड़ा था. शनिवार को यह हादसा हो गया. लालता ने पुलिस को दी तहरीर में तत्कालीन प्रधान व सचिव का नाम भी लिखा है. हालांकि उन पर कोई आरोप लिखित में नहीं लगाया है.
प्रभारी निरीक्षक दीपक राय ने बताया कि बच्चे के पिता की तहरीर पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
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