वाराणसी: श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लोग अपने-अपने हिसाब से मना रहे हैं. भले ही वृंदावन में मथुरा में जन्माष्टमी 7 तारीख को मनाई जा रही हो लेकिन बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में जन्माष्टमी का पर्व 6 सितंबर को ही मनाया गया. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में देर रात भक्तों ने भजन कीर्तन के साथ देवा के देव महादेव श्री काशी विश्वनाथ के परिसर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव मनाया. भजन कीर्तन के साथ जय कन्हैया लाल के जयघोष गूंज उठे. इस मौके पर नंद लाल का भव्य स्वागत किया गया.
श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य परिसर के निर्माण के बाद हर वर्ष विश्वनाथ मंदिर में हर त्यौहार मनाया जाने लगा है. इस बार पहली बार ऐसा मौका था जब मंदिर परिसर में भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया.
भगवान विश्वनाथ के प्रांगण में भक्त देर रात तक भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबे नजर आए. यह अद्भुत नजारा था जहां भोले की नगरी में कान्हा की जय जयकार हो रही थी. भोलेनाथ के प्रांगण में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की तैयारी के साथ भक्तों ने नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की समेत कान्हा के स्वागत के तरह-तरह के गीत गए और अपने आराध्य के परिसर में श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव बड़े ही भव्य तरीके से मनाया.
वैष्णव समुदाय की बड़ी पीठ के रूप में स्थापित गोपाल मंदिर में 7 सितंबर को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा जबकि अलग-अलग जगह पर अलग-अलग तरीके से लोग कान्हा का जन्म उत्सव मना रहे हैं. फिलहाल भोलेनाथ की नगरी कान्हा की भक्ति में पूरी तरह से सजी हुई नजर आ रही है.
ये भी पढ़ेंः Janmashtami 2023 :इस योग में मनाएं भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव, जरूर शामिल करें ये सामग्री