लखनऊ: क्या आपको पता है कि वाहन के रजिस्ट्रेशन के वक्त जो नंबर की सीरीज आवंटित होती है, उस सीरीज में 'आई', 'ओ' और 'जी' लेटर की सीरीज क्यों अलॉट नहीं की जाती है? आखिर इसकी वजह क्या है? 'ए' लेटर से लेकर 'जेड' लेटर तक अक्षर की सीरीज अलॉट कर दी जाती है, जबकि 'आई' और 'ओ' सीरीज अगर आप लेना भी चाहें, तो भी आवंटित नहीं हो सकती है. वहीं 'जी' सीरीज इतनी खास है कि इसके बारे में आम लोग सोच भी नहीं सकते हैं. 'ईटीवी भारत' आपको बताने जा रहा है कि आखिर क्यों वाहनों के सीरीज में ये अक्षर वर्जित होते हैं.
भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज (Ministry of Road Transport and Highways) की तरफ से यह निर्देश है कि किसी भी वाहन के लिए परिवहन विभाग की तरफ से 'आई' और 'ओ' सीरीज किसी भी वाहन स्वामी को आवंटित नहीं की जा सकती है. इसे पूरी तरह से वर्जित किया गया है. दरअसल, अंग्रेजी का 'I' और '0' लेटर का आकार एक और जीरो की तरह होता है. इन अक्षर में किसी तरह का कर्व नहीं होता है. लिहाजा, जब नंबर प्लेट पर 'I' और 'O' अक्षर लिखे जाएंगे, तो कहीं न कहीं यह एक और जीरो के रूप में दिखेंगे.
उदाहरण के तौर पर अगर किसी वाहन पर UP 32 II 4242 या UP 32 OO 3233 की सीरीज आवंटित कर दी जाती तो वह 11 और जीरो जीरो की तरह ही नजर आती. इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर इस सीरीज के वाहन से कहीं कोई दुर्घटना हो जाती है, तो नंबर प्लेट पर दर्ज नंबर को पहचान पाना भी मुश्किल होता है. दुर्घटना करने वाले वाहन का स्वामी बच निकलता है. इसी को ध्यान में रखकर मंत्रालय ने यह फैसला किया.
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर जी सीरीज खास क्यों है. 'जी' सीरीज को सरकार को आवंटित किया गया है. ऐसे में 'जी' सीरीज पूरी तरह से सरकारी सीरीज है. ए से लेकर जेड तक 'जी' सीरीज का आवंटन सरकार के लिए ही हो सकता है. कुछ साल पहले ही डीजी सीरीज पुलिस विभाग को आवंटित की गई है. ऐसे में 'जी' सीरीज का आवंटन आम वाहन स्वामी को नहीं किया जा सकता है.
लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी बताते हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने शायद इसीलिए वाहनों की सीरीज में 'आई' और 'ओ' लेटर वर्जित किया होगा, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा न हो. यह दोनों लेटर आकार में वन और जीरो की तरह प्रदर्शित होते हैं. इसके बारे में ज्यादा जानकारी तो मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज की तरफ से ही उपलब्ध हो सकती है.