नई दिल्ली : सरकार उत्सर्जन में कमी के लिए जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के काम को तेजी से आगे बढ़ा रही है. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 में 20 प्रतिशत एथनॉल मिला पेट्रोल लॉन्च किया. इसी के साथ ही देश के 11 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंप पर सोमवार से 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल की खुदरा बिक्री शुरू भी हो गई है.
अभी पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार का इरादा 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने का है. पहले 20 प्रतिशत एथनॉल वाला पेट्रोल अप्रैल में लाने की योजना थी. जाहिर है पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाए जाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही कीमतों से पार पाने में मदद मिलेगी. पेट्रोल की कीमतें भी कम हो सकती हैं.
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने जून, 2022 के दौरान पांच महीने पहले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल कर लिया था. उन्होंने कहा, 'इसके अलावा हमने ई20 पेट्रोल उपलब्ध कराने की समयसीमा को वर्ष 2025 कर दिया है. पहले यह समयसीमा 2030 थी.' उन्होंने बताया कि अब ई20 को पायलट आधार पर भी समय से पहले पेश कर दिया गया है.
पहले चरण में 15 शहरों में होगी शुरुआत : पहले चरण में 15 शहरों में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण वाला पेट्रोल उतारा जाएगा. अगले दो साल में इसे पूरे देश में पेश किया जाएगा. पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने से देश को 53,894 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होती है. किसानों को भी इसका लाभ मिलता है.
क्या है ई-20 फ्यूल : एथिल अल्कोहल या एथनॉल जिसे C2H5OH के रूप में भी जाना जाता है, जैव ईंधन है. इसे चीनी (शुगर) को फर्मेटिंग करके बनाया जाता है. भारत ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अपने संकल्प के हिस्से के रूप में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने के लिए इस जैव ईंधन को गैसोलीन के साथ मिश्रित करने के लिए एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) की पहल शुरू की है. पहले सरकार ने ई10 लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की थी, जिसके तहत देश में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल है. आसान भाषा में कहें तो पेट्रोल में एथनॉल की इसी 10 प्रतिशत मात्रा को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया जाएगा. यानी ई-20 (E 20) पेट्रोल में एथनॉल का प्रतिशत दर्शाती है.
क्यों फायदेमंद है ई20 : पर्यावरण के लिहाज ये काफी फायदेमंद है, जिस कारण जैव ईंधन तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है, यदि पर्याप्त बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जाता है, तो इससे प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
भारत की लगभग 85% ईंधन की जरूरतें आयात से पूरी होती हैं. परिणामस्वरूप कच्चे तेल की कीमत आसमान छूती है. भारत में 20% एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल के उपयोग से देश के लिए महत्वपूर्ण लागत बचत होगी.
जब नवीन तकनीकों को व्यवहार में लाया जाता है, तो रोजगार की नई संभावनाएं सामने आती हैं. ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग (OEM) सेक्टर के साथ-साथ कंपोनेंट सप्लायर और आफ्टरमार्केट सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर में नए पद सृजित किए जाएंगे. भारत सरकार का मानना है कि गैसोलीन में 20% एथेनॉल के अपने लक्ष्य तक पहुंचने से देश के कृषि उद्योग को लाभ होगा. सरकार का दावा है कि इन उपायों के परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होगी.
भारत में E20 ईंधन वाहन की स्थिति : भारतीय सड़कों पर अभी ऐसी ज्यादा कारें नहीं हैं जो E20 पेट्रोल मिक्स को हैंडल कर सकें. ऐसे में अगर उन वाहनों में ई20 ईंधन का इस्तेमाल किया गया तो माइलेज पर असर पड़ेगा.
उदाहरण के रूप में हुंडई इंडिया की Creta, Venue, और Alcazar SUVs शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे सभी वर्ष 2023 MY मॉडल के रूप में E20 पेट्रोल पर काम करने में सक्षम हैं.
ऑटो एक्सपो 2023 में टाटा मोटर्स ने अपने दो नए टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन (1.2 लीटर और 1.5 लीटर) पेश किए. टाटा ने कहा है कि उनकी 4 मीटर से लंबी कारें (संभवतः हैरियर और सफारी एसयूवी) जल्द ही ई20 ईंधन वाले इंजन से लैस होंगी.