नई दिल्ली / गाजियाबाद : किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक संसद का सत्र चलेगा तब तक सरकार के पास सोचने और समझने का समय है. उन्होंने कहा कि आगे आंदोलन कैसे चलाना है उसका फैसला हम संसद चलने पर लेंगे. आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी उसका फैसला भी 27 नवंबर को हाने वाली संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक में होगा.
गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसान पंचायत भी आयोजित की गई. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी इस पंचायत में शामिल हुए. पंचायत के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंचे.
किसान पंचायत में टिकैत ने कहा कि कोरोना वायरस की तरह कृषि कानून (Agriculture Law) भी बीमारी की तरह आए थे, जिसका इलाज कर दिया गया है. दोनों बीमारियां एक ही तरह की थी. वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ नई साजिश शुरू हो गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि साल 2011 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपनी रिपोर्ट में MSP पर गारंटी की मांग केंद्र के सामने रखी थी. उस मांग को तत्कालीन केंद्र सरकार ने अनसुना कर दिया था, लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री अब प्रधानमंत्री हैं, तो अपनी ही मांग को क्यों नहीं सुन रहे ?
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि जैसे कोरोना बीमारी थी, वैसे ही तीनों कृषि कानून किसानों के लिए एक बीमारी थे. कोरोना को मार भगाने के लिए सरकार ने प्रयास किया, तो हमने तीनों कृषि कानून वापस भगाए हैं. हमें एमएसपी पर कानून चाहिए और मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए, इसके अलावा जो मुकदमे किसानों पर दर्ज किए गए हैं, वह वापस होने चाहिए.
उन्होंने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि फिर से किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश शुरू कर दी गई है. हमारे लिए कहा जा रहा है कि तीनों कृषि कानून वापस हो गए, फिर भी किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं कर रहे हैं. इसलिए हमसे बार-बार यही सवाल पूछा जा रहा है कि आंदोलन खत्म क्यों नहीं हो रहा. उन्होंने किसानों को बताया कि हमें हर बार यही जवाब देना है की एमएसपी हमारी मांग थी और रहेगी.
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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बहुत से किसान यहां पहुंच रहे हैं. एक साल में जो हुआ उसके लेखा-जोखा पर भी चर्चा होगी. सभी किसान आज अपनी राय तैयार करेंगे. कल जो सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग होनी है, उसके लिए तैयारी होगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के कॉल पर शुरू हुआ था, अगर कल संयुक्त किसान मोर्चा निर्णय लेगा कि आंदोलन आगे बढ़ना है तो आगे बढ़ेगा.
जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि बैरिकेड फिर से दिल्ली पुलिस द्वारा लगा दिए (Delhi Police again put up barricades) गए हैं. हम भी एक साल से यही कह रहे थे, कि हमने रास्ते बंद नहीं किए हैं. हमने कोई रास्ता नहीं रोका है. उन्होंने कहा कि जो किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो पाए हैं और घर पर बैठे हैं, उन्हें भी तीनाें कृषि कानूनाें की वापसी के ऐलान पर बधाई देता हूं.