वाराणसी: लखनऊ के इकराना स्टेडियम में आज यानी शुक्रवार को मनोनीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश के कई कद्दावर नेताओं की मौजूदगी रहेगी. 25 मार्च को खरमास होने की वजह से क्या योगी आदित्यनाथ का यह शपथ ग्रहण शुभ होगा या अशुभ, इसका जवाब तलाशने के लिए ईटीवी भारत ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर सुभाष पांडेय से खास बातचीत की.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि राष्ट्र के उन्नयन और विकास के लिए किए जाने वाले इस काम में इस तरह के मिथक मायने नहीं रखते और वैसे भी यह शपथ ग्रहण योगी की पहली बार नहीं बल्कि दूसरी बार लेने जा रहे हैं. गुरु जो अस्त थे वह भी उदय हो चुके हैं. इसलिए गुरु के उदय होने की वजह से जो भी शास्त्रीय दृष्टिकोण से गलत चीजें होती हैं वह भी सही हो चुकी हैं. इसके अलावा मिराक में विशेष परिस्थितियों में यदि कोई कार्यभार ग्रहण करता है तो दोष नहीं माना जाता है. जब कोई सन्यासी राज्य सत्ता और धर्म पदक रूप से किसी जिम्मेदारी को संभालता है, तो उसके लिए काल की धारणा भी महत्व नहीं रखती है और जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं तो उस दिन ज्योतिषीय गणना से उस काल को सूक्ष्मा और उत्तम काल माना जा रहा है.
प्रोफेसर सुभाष पांडेय का कहना है कि मुहूर्त में बहुत सारी भिन्नताएं होती हैं. जैसे यदि किसी नए घर में गृह प्रवेश किया जाए तो उसके लिए उत्तरायण में ही मुहूर्त माना जाता है और अलग काल में गणना के साथ मुहूर्त में गृह प्रवेश करना उत्तम होता है, लेकिन किसी पुराने घर के रिनोवेशन के बाद या यात्रा संपन्न करने के बाद गृह प्रवेश किया जाए तो उसके लिए मुहूर्त का समय अलग होता है. इस बार योगी आदित्यनाथ पहली बार नहीं बल्कि दूसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं और दूसरी बार किसी कार्य के लिए खरमास मायने नहीं रखता. हां यदि वह पहली बार शपथ लेते तो खरमास में शपथ ग्रहण नहीं होना चाहिए था, लेकिन दूसरी बार में किसी तरह की कोई दिक्कत परेशानी नहीं है.
उन्होंने कहा कि पहले से ही वह मुख्यमंत्री के पद पर कार्य कर रहे हैं और इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र धर्म शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि कोई धर्माचार्य, मठाधीश या फिर राजा किन्ही कारणों से यदि सत्ता से दूर होता है, तो उसका सूतक भी उस पर मान्य नहीं होता है. किसी भी राज्य की सत्ता को धर्म या शास्त्र बहुत दिनों तक रिक्त रहने की अनुमति भी नहीं देता. खरमास 1 महीने तक रहेगा ,तो क्या 1 माह तक यह पद रिक्त रहेगा. यह संभव नहीं है आध्यात्मिक दृष्टि से और धार्मिक दृष्टि से भी इसको उत्तम नहीं माना जा सकता. इसलिए जनता की भलाई के लिए किए जा रहे, इस काम में खरमास मायने नहीं रखता है.
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प्रोफेसर सुभाष पांडेय ने बताया कि 25 मार्च का दिन हर तरह से उत्तम योग लेकर आ रहा है, क्योंकि इस दिन अष्टमी तिथि है, शुक्रवार का दिन है और आनंदादी योग में सुस्थिर और अस्थाई जय योग बन रहे हैं और करण भी काफी अच्छे हैं. इसलिए इस दौरान किया जाने वाला शपथ ग्रहण समारोह शपथ लेने वाले व्यक्ति के लिए विशेष फलदाई होने जा रहा है. ये न सिर्फ स्थिर और बेहतर सत्ता को चलाने में मदद करेगा बल्कि राज्य के विकास में भी काफी मददगार साबित होगा.
सुभाष पांडेय ने कहा कि शपथ ग्रहण (CM Yogi Adityanath Oath Ceremony) के लिए दोपहर 11 बजे से लेकर 3 बजे तक का समय सबसे उत्तम माना जा रहा है, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में हर 2 घंटे का एक मुहूर्त होता है. इसमें प्रत्येक घटी में 48- 48 मिनट का वक्त होता है. इसलिए 11 बजे से 3 बजे के बीच किया जाने वाला शपथ ग्रहण समारोह प्रदेश के विकास के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले रहे योगी आदित्यनाथ के लिए भी शानदार होगा.