नई दिल्ली : अपने गृह राज्य कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress chief Mallikarjun Kharge) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे.
AICC के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, 'कांग्रेस प्रमुख 24 और 25 मई को मतदान वाले राज्यों में तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इन राज्यों के एआईसीसी प्रभारी राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ समीक्षा बैठकों में भाग लेंगे. खड़गे चाहते हैं कि राज्य की टीमें आने वाले चुनावों के लिए एक रोडमैप तैयार करें और जल्द से जल्द सांगठनिक खामियों को दूर करें.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और एआईसीसी जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कर्नाटक में बड़े पैमाने पर कैंपेन किया था. वह चुनाव वाले राज्यों के लिए रणनीति सत्र में भी भाग लेंगे.
एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा, 'शीर्ष नेता चुनावी राज्यों के लिए एक कार्य योजना पर चर्चा करेंगे, जिसे धीरे-धीरे लागू किया जाएगा, जैसा कि हमने कर्नाटक में किया था.'
इन चारों में से एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस का सीधा मुकाबला बीजेपी से होगा. तेलंगाना में कांग्रेस का मुकाबला बीआरएस से है.पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे के लिए चुनौती पार्टी शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता बनाए रखना है और एमपी को भाजपा से वापस लेना है, जिसने कथित तौर पर 2020 में कांग्रेस सरकार को चुरा लिया था.
गहलोत बनाम पायलट पर ये बोले इंदौरा : मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव कुलदीप इंदौरा (Madhya Pradesh Kuldeep Indora) ने बताया, 'कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में भी पार्टी एकजुट है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पार्टी के चेहरे के तौर पर पेश किया जा रहा है और तमाम वरिष्ठ नेता उनका समर्थन कर रहे हैं. यह एकता मतदाताओं के बीच एक मजबूत संकेत दे रही है.'
उन्होंने कहा, 'अभी हम अपने-अपने क्षेत्रों में मंडल और सेक्टर स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठकें कराने में व्यस्त हैं. हमें आशा है कि ये बैठकें शीघ्र ही समाप्त हो जाएंगी. दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव और अजय सिंह जैसे राज्य के वरिष्ठ नेता भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह की सभाएं कर रहे हैं.'
मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल के अनुसार, 'मध्य प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पार्टी सर्वाधिक प्रतिशत (70 प्रतिशत) मंडल स्तर की टीमें स्थापित करने में सफल रही है. ये स्थानीय टीमें चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.'
राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले कुलदीप इंदौरा ने उम्मीद जताई कि राज्य में गहलोत बनाम पायलट सत्ता का झगड़ा जल्द ही सुलझ जाएगा और कांग्रेस इस बार हर पांच साल में सरकार बदलने के चलन को तोड़ने में कामयाब होगी.
उन्होंने कहा कि 'मुझे स्थानीय लोगों से जो संकेत मिला है, वह यह है कि लोग राजस्थान में कांग्रेस सरकार को दोहराने के मूड में हैं, लेकिन हमें एकजुट तस्वीर पेश करने की जरूरत है.'
इंदौरा के मुताबिक, हाल ही में सचिन पायलट द्वारा पांच दिन निकाली गई जन संघर्ष यात्रा, जिसे पार्टी में कई लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपमान के रूप में देखा, भ्रष्टाचार के मुद्दे के खिलाफ थी, जिसे कांग्रेस भी लंबे समय से उठाती रही है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं को बहुत अच्छे से लागू किया है और मतदाता इसे पसंद कर रहे हैं. पार्टी के मुद्दे आने वाले दिनों में सुलझ जाएंगे. छत्तीसगढ़ में भी हमारी सरकार ने जनकल्याण के लिए बहुत कुछ किया है.
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