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कर्नाटक सरकार ने सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिरों से बालीपद्यमी पर गौ पूजा करने को कहा

सनातन हिंदू धर्म में गायों की पूजा का अपना एक अलग ही महत्व है. इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए और आने वाली पीढ़ी को इसका महत्व समझाने के लिए कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) ने सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों (Government Controlled Temples) में दीपावली के अवसर पर गौ-पूजा (Gau Pooja) करने के लिए कहा है.

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Published : Oct 20, 2022, 3:46 PM IST

गौ पूजा
गौ पूजा

बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) ने सरकारी नियंत्रण वाले सभी मंदिरों (Government Controlled Temples) से कहा है कि वे दीपावली त्योहार के हिस्से के रूप में 26 अक्टूबर को 'गौ पूजा' (Gau Pooja) का आयोजन कर सनातन हिंदू धर्म की इस प्राचीन प्रथा की रक्षा करें. हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मादा विभाग ने एक परिपत्र में कहा है कि पूजा उस दिन शाम 5.30 से 6.30 बजे के बीच शुभ 'गोधूली लग्न' में आयोजित की जानी चाहिए.

विभाग ने कहा है कि गायों को स्नान कराकर मंदिरों में लाया जाना चाहिए, सिंदूर, हल्दी लगाकर उन्हें फूलों से सजाया जाना चाहिए तथा चावल, गुड़, केले और मिठाई खिलाई जानी चाहिए. इसके बाद दीपक और अगरबत्ती जला कर उनकी पूजा करनी चाहिए. परिपत्र में हिंदू परंपरा में गायों के महत्व को समझाते हुए कहा गया है कि हिंदू अनादि काल से गायों की पूजा करते रहे हैं.

पढ़ें: धनतेरस पर सोने की खरीद के लिए ये हैं 7 Golden Tips, सोना खरीदने का सबसे सही तरीका

हालांकि हाल में, शहरों और कस्बों में लोग गाय की पूजा करना भूल गए हैं. परिपत्र में कहा गया है कि 'कम से कम दीपावली-बालीपद्यमी के दिन अधिसूचित मंदिरों के लिए अनिवार्य रूप से गौ पूजा करना उचित है ताकि लोग सनातन हिंदू धर्म की इस प्रथा को न भूलें और आने वाली पीढ़ियों को भी इससे परिचित कराया जाए.'

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) ने सरकारी नियंत्रण वाले सभी मंदिरों (Government Controlled Temples) से कहा है कि वे दीपावली त्योहार के हिस्से के रूप में 26 अक्टूबर को 'गौ पूजा' (Gau Pooja) का आयोजन कर सनातन हिंदू धर्म की इस प्राचीन प्रथा की रक्षा करें. हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मादा विभाग ने एक परिपत्र में कहा है कि पूजा उस दिन शाम 5.30 से 6.30 बजे के बीच शुभ 'गोधूली लग्न' में आयोजित की जानी चाहिए.

विभाग ने कहा है कि गायों को स्नान कराकर मंदिरों में लाया जाना चाहिए, सिंदूर, हल्दी लगाकर उन्हें फूलों से सजाया जाना चाहिए तथा चावल, गुड़, केले और मिठाई खिलाई जानी चाहिए. इसके बाद दीपक और अगरबत्ती जला कर उनकी पूजा करनी चाहिए. परिपत्र में हिंदू परंपरा में गायों के महत्व को समझाते हुए कहा गया है कि हिंदू अनादि काल से गायों की पूजा करते रहे हैं.

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हालांकि हाल में, शहरों और कस्बों में लोग गाय की पूजा करना भूल गए हैं. परिपत्र में कहा गया है कि 'कम से कम दीपावली-बालीपद्यमी के दिन अधिसूचित मंदिरों के लिए अनिवार्य रूप से गौ पूजा करना उचित है ताकि लोग सनातन हिंदू धर्म की इस प्रथा को न भूलें और आने वाली पीढ़ियों को भी इससे परिचित कराया जाए.'

(पीटीआई-भाषा)

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