बेंगलुरु : कर्नाटक पुलिस के प्रमुख आलोक मोहन ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले भाजपा विधायक डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण और हरीश पुजा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी. उन्होंने पूर्व मंत्री और बेंगलुरु से भाजपा विधायक डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण और दक्षिण कन्नड़ जिले के विधायक हरीश पूंजा के खिलाफ आगे की कार्रवाई को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद मीडिया से यह बात कही.
उन्होंने कहा, उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं और कार्रवाई शुरू की जाएगी. भविष्य में सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. कर्नाटक पुलिस ने मैसूरु में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रवक्ता एम. लक्ष्मण की शिकायत पर नारायण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलथांगडी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक हरीश पूंजा ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि मुख्यमंत्री ने 24 हिंदू कार्यकर्ताओं को मरवा दिया था.
विधायक पूंजा ने कथित तौर पर एक स्थानीय समारोह में भाग लेने के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार करने वाले हिंदू कार्यकर्ताओं पर गुस्सा निकालते हुए बयान जारी किया था. सोशल मीडिया पर ऑडियो और वीडियो वायरल हो गया है. उन्होंने कहा, एक हिंदू कार्यकर्ता सत्यजीत सुरथकल ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था. आपने 24 हिंदू कार्यकर्ताओं को मारने वाले सिद्दारमैया के लिए वोट मांगा है. आपने कांग्रेस के लिए वोट मांगा है, जो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दे रही है. इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है.
कर्नाटक कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को जान का खतरा है और उन्होंने भाजपा के पूर्व मंत्री डॉ. नारायण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लक्ष्मण ने गुरुवार को मैसूरु में कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को अब भी भाजपा से जान का खतरा . उन्होंने कहा, इस पृष्ठभूमि में हम पूर्व मंत्री अश्वथ नारायण के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मैसूरु के पूर्व शासक टीपू सुल्तान की तरह सिद्दारमैया को खत्म करने का उनका बयान अभी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सिद्दारमैया पर हमला किए जाने की संभावना है.
अश्वथ नारायण ने बदले में कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी राज्य में नफरत की राजनीति कर रही है. नारायण ने दावा किया कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही पुलिस पर दबाव डाला गया और उनके खिलाफ एफआईआर कराई गई. उन्होंने दावा किया, मैंने केवल मैसूरु के तत्कालीन शासक टीपू सुल्तान के प्रति सिद्दारमैया के प्रेम की आलोचना की थी. मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है. उन्होंने कहा, मैंने अपने बयान के लिए सत्र में माफी भी मांगी थी. मामला वहीं खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस नफरत की राजनीति कर रही है.
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(आईएएनएस)