मुंबई : अभिनेत्री कंगना रनौत ने अब महात्मा गांधी को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि दूसरा गाल आगे करने से आजादी नहीं 'भीख' मिलती है. रनौत ने पिछले हफ्ते कहा था कि 1947 में भारत को आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी. असली स्वतंत्रता 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई.
रनौत ने इंस्ट्राग्राम पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और कहा कि अपने नायकों को समझदारी से चुनो. अभिनेत्री ने एक अखबार की पुरानी कतरन साझा की है जिसकी सुर्खी है, गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे.
खबर में दावा किया गया है कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि यदि बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे. रनौत ने अखबार की कतरन के साथ लिखा है कि या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं. आप दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं. चुनो और फैसला करो.
एक अन्य पोस्ट में रनौत ने दावा किया है कि जिन लोगों ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें ऐसे लोगों ने अपने आकाओं को सौंप दिया जिनके पास अपने उत्पीड़कों से लड़ने का साहस नहीं था या जिनका खून नहीं खौलता था बल्कि वे चालाक और सत्ता लोलुप थे.
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इसके बाद उन्होंने गांधी पर निशाना साधते हुए यहां तक दावा किया कि इस बात के सबूत हैं कि वह चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी दी जाए. 34 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने हमें सिखाया कि अगर कोई आपको थप्पड़ मारे तो एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल आगे कर दो.
इस तरह आपको आजादी मिलेगी. इस तरह से किसी को आजादी नहीं मिलती, ऐसे भीख मिल सकती है. अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें. अभिनेत्री ने कहा कि यह लोगों को अपने इतिहास और अपने नायकों बारे में जानने समय का है.
उन्होंने कहा कि उन सभी को केवल अपनी स्मृति के एक खांचे में रखना और हर साल उन सभी को जन्मदिन की बधाई देना पर्याप्त नहीं है, यह न केवल मूर्खता है, बल्कि अत्यधिक गैर-जिम्मेदार और सतही है. रनौत को हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से नवाजा था जिसके दो दिन बाद उन्होंने आजादी को लेकर बयान दे दिया.
(पीटीआई-भाषा)