जूनागढ़: बच्चों को सबसे ज्यादा डर मैथमेटिक्स से लगता है. कई अभिभावक अपने बच्चों को गणित में पारंगत करने के लिए एक्स्ट्रा क्लास के लिए भी भेजते हैं. लेकिन गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत के जूनागढ़ के एक शिक्षक ने गणित पढ़ाने का अनोखा तरीका खोज निकाला है. शिक्षक खुद संगीत जानते हैं और संगीत के माध्यम से बच्चों को गणित सिखाते हैं. जूनागढ़ के वंथली तहसील के शापुर सेन्टर स्कूल के टीचर कुणाल मारवाणिया ने एक तरीका खोजा है, जिसमें बच्चों को संगीत और योगा के जरिए गणित सिखाया जा सकता है.
शापुर सेन्टर स्कूल के कुणाल सर बच्चों को गणित योग और संगीत के सहारे ही सीखा रहे हैं. एसे अनोखे प्रयास को अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों ने भी स्वीकार किया है. सिर्फ गणित ही नहीं बल्कि विज्ञान के प्रयोग भी संगीत के माध्यम से ही कंठस्थ कराते हैं. गणित और विज्ञान जैसे जटिल विषय को आसान करने के लिये सर ने संगीत को अपना सहारा बनाया है. गणित और विज्ञान के कई सारे फार्मूले को समझाने के लिये वे योग की मुद्रा को फॉलो कराते हैं. इस विषय पर बात करते हुए कुणाल सर ने ईटीवी भारत से कहा कि, गणित हो या विज्ञान संगीत के माध्यम से उनको आसानी से समझा जा सकता है. ऐसा तरीका अपनाएं तो बच्चों की भी रूची बनी रहती है. फायदा यह होता है कि किसी भी फॉर्मूले का रट्टा नहीं मारना पड़ता और सवाल-जवाब को आसानी से समझा जा सकता है.
देशी तरीके से गणित और विज्ञान को सिखाने के लिये कुणाल सर ने 20 गीत तैयार किये हैं. बालगीत, फिल्मी गीत और भजन के सुर में यह गीत तैयार किये गए हैं, जिसका फायदा यह होता है कि किसी भी फॉर्मूले को रटकर याद नहीं रखना पड़ता. स्कूल के विद्यार्थी कहते हैं कि विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है, जिनकी भाषा को विज्ञान के शब्दों में लिखना पड़ता है. जबकि जब कुणाल सर गणित और विज्ञान को पढ़ाते हैं तो यह दोनों विषय काफी सहज मालूम पड़ते हैं.
यह भी पढ़ें: गजब की गेर: रंग पंचमी पर 'सतरंगी' हुआ MP, इंदौर, उज्जैन में उमड़ा जनसैलाब, देखें VIDEO