नई दिल्ली : अफगानिस्तान में एक पत्रकार की हत्या की खबर को लेकर संशय बना रहा. पहले अफगानिस्तान के प्रमुख मीडिया संस्थान टोलो न्यूज (TOLO News) ने खबर दी कि उसके पत्रकार जियार याद खान (ziar yaad khan) की हत्या कर दी गई है.
मीडिया संस्थान ने कहा कि जियार याद खान काबुल में बेरोजगारी और गरीबी को लेकर रिपोर्टिंग कर रहे थे, उस दौरान वह तालिबान का शिकार बने हैं. उनके कैमारमैन की भी बुरी तरह से पिटाई की गई है. टोलो न्यूज ने जियार याद की हत्या के संबंध में ट्वीट भी किया. लेकिन टोलो न्यूज की खबर उस समय झूठी निकली जब पत्रकार जियार याद खान (ziar yaad khan) ने खुद ट्वीट किया कि उनकी मौत की जो खबर चल रही है वह झूठी है. वह जिंदा हैं.
जियार याद खान ने ट्वीट किया कि 'काबुल के न्यू सिटी में तालिबान ने गनप्वाइंट पर मुझे पीटा. कैमरा, तकनीकी उपकरण और मेरा निजी मोबाइल फोन भी छीन लिया गया है. कुछ लोगों ने मेरी मौत की खबर फैला दी है जो झूठी है.'
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गौरतलब है कि इससे पहले पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी (Pulitzer Prize-winning Indian photojournalist Danish Siddiqui ) की अफगानिस्तान में हत्या की खबर आई थी. अमेरिका की एक पत्रिका ने प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया था कि तालिबान द्वारा उनकी पहचान की पुष्टि करने के बाद 'क्रूरता से हत्या' की गई थी. सिद्दीकी (38) अफगानिस्तान में असाइनमेंट पर थे जब वह मारे गए.