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जामनगर में 21 घंटे की मशक्कत के बाद भी नहीं बचाया जा सका बोरवेल में फंसी बच्ची को - गुजरात के जामनगर में बोरवेल में गिरी बच्ची

गुजरात के जामनगर जिले के तमाचान गांव में खेलते समय एक तीन साल की बच्ची बोरवेल में गिर गई. लेकिन 21 घंटे बाद जब बच्ची को बाहर निकाला गया तब बच्ची की मौत हो चुकी थी.

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Published : Jun 4, 2023, 4:18 PM IST

जामनगर: जामनगर जिले के कालावड़ के पास तमाचान गांव में बोरवेल में गिरी बच्ची को बाहर निकालने लिए जामनगर के अलावा वड़ोदरा एनडीआरएफ की एक टीम को काम पर लगाया गया था. लेकिन 21 घंटे की मशक्कत के बाद भी बच्ची को नहीं बचाया जा सका. जामनगर के तमाचान गांव में बोरवेल में फंसी बच्ची को NDRF की मदद से रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया है. मजदूर परिवार की 3 साल की बच्ची रोशनी बोरवेल में गिरने के कारण अब इस दुनिया में नहीं है.

रविवार सुबह बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाला गया. बोरवेल में गिरी एक मजदूर परिवार की 3 वर्षीय बेटी रोशनी बोरवेल में गिर गई, जिसे बचाने के लिए कई टीमों की मदद ली गई, लेकिन आखिरकार रोशनी जिंदगी की जंग हार गई और उसे मृत बाहर निकला गया. पहले 108 टीम की ओर से प्रयास किया गया लेकिन बेटी को बाहर निकाल नहीं पाए जिसके बाद भारतीय सेना को बुलाया गया.

आखिर में वडोदरा से एनडीआरएफ की टीम पहुंची और एनडीआरएफ की टीम ने बच्ची का शव बोरवेल से बाहर निकाला. बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल ले जाया गया है. यहां का काम पूरा होने के बाद बच्ची का शव उसके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा. जिला प्रशासन की ओर से 21 घंटे तक बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की गई.

रोबोट की मदद: हालांकि बच्ची को बचाने के लिए विशेष रूप से आधुनिक रोबोट की मदद भी ली गई. रोशनी के पिता खेत में काम करने के लिए तमाचान गांव आए थे. मध्य प्रदेश का परिवार जामनगर जिले के जामवंतली के तमाचान गांव में गोविंदभाई तपूभाई की खेतों में मजदूरी करने गया था. यह मजदूर परिवार 22 तारीख को आया था. मध्य प्रदेश के देवपुरा गांव के लालूभाई अपने परिवार के साथ रोजगार के लिए खेती करने आए थे. इस घटना के बाद से लड़की की मां सदमे में है.

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रविवार सुबह बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाला गया. बोरवेल में गिरी एक मजदूर परिवार की 3 वर्षीय बेटी रोशनी बोरवेल में गिर गई, जिसे बचाने के लिए कई टीमों की मदद ली गई, लेकिन आखिरकार रोशनी जिंदगी की जंग हार गई और उसे मृत बाहर निकला गया. पहले 108 टीम की ओर से प्रयास किया गया लेकिन बेटी को बाहर निकाल नहीं पाए जिसके बाद भारतीय सेना को बुलाया गया.

आखिर में वडोदरा से एनडीआरएफ की टीम पहुंची और एनडीआरएफ की टीम ने बच्ची का शव बोरवेल से बाहर निकाला. बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल ले जाया गया है. यहां का काम पूरा होने के बाद बच्ची का शव उसके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा. जिला प्रशासन की ओर से 21 घंटे तक बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की गई.

रोबोट की मदद: हालांकि बच्ची को बचाने के लिए विशेष रूप से आधुनिक रोबोट की मदद भी ली गई. रोशनी के पिता खेत में काम करने के लिए तमाचान गांव आए थे. मध्य प्रदेश का परिवार जामनगर जिले के जामवंतली के तमाचान गांव में गोविंदभाई तपूभाई की खेतों में मजदूरी करने गया था. यह मजदूर परिवार 22 तारीख को आया था. मध्य प्रदेश के देवपुरा गांव के लालूभाई अपने परिवार के साथ रोजगार के लिए खेती करने आए थे. इस घटना के बाद से लड़की की मां सदमे में है.

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