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Jamat Islami Property Attached : श्रीनगर में गिलानी के नाम पर जमात-ए-इस्लामी की संपत्ति कुर्क - जमात ए इस्लामी

अधिकारियों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) संगठन की एक संपत्ति कुर्क की, जो स्वर्गीय सैयद अली शाह गिलानी के नाम पर थी. अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर शहर के बरजल्ला इलाके में स्थित संपत्ति प्रतिबंधित जेईआई की थी और इसे वरिष्ठ अलगाववादी नेता के नाम पर खरीदा गया था. Jamat Islami Property Attached.

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Published : Dec 20, 2022, 5:04 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आज गैरकानूनी रोकथाम गतिविधि अधिनियम के तहत प्रतिबंधित धार्मिक-राजनीतिक संगठन जमात-ए इस्लामी की भू संपत्तियों को जब्त कर लिया. अधिकारियों ने कहा कि संपत्तियां जेईआई के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थीं, लेकिन वास्तव में जेईआई की हैं. जब्ती के आदेश जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर मुहम्मद अजाज द्वारा राज्य जांच एजेंसी द्वारा जांच के बाद जारी किए गए थे, जिसने जेईआई के खिलाफ 2019 में अपने बटमालू पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था. Jamat Islami Property Attached.

राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा कुर्की आवेदन दायर किए जाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर द्वारा संपत्ति कुर्क की गई थी, जो आतंकी फंडिंग रैकेट और उन फंडों के माध्यम से बनाई गई विभिन्न संपत्तियों की जांच कर रही है. श्रीनगर के बाहरी इलाके शाल्टेंग और बारजुल्ला में इस जमीन पर दो मंजिला इमारत बनी हुई है. बरजुल्ला में जमीन दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी और फिरदौस अस्मी के नाम दर्ज है.

श्रीनगर के डीएम ने कहा कि राज्य जांच एजेंसी द्वारा संचार संख्या SIA/SN/FIR-17/2019/7738-42 दिनांक 16-12-2022 के अनुसार, मामला प्राथमिकी संख्या 17/2019 यू / एस की जांच के दौरान 10, 11, 13 पी/एस बटमालू के यूए (पी) अधिनियम की पी/एस एसआईए द्वारा जांच की जा रही है, तीन संपत्तियां सामने आई हैं जो प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के स्वामित्व में हैं या उसके अधिकार क्षेत्र में हैं. जिला श्रीनगर और धारा 8 यूए (पी) अधिनियम के संदर्भ में इसे अधिसूचित किया जाना है.

डीएम ने कहा कि संबंधित तहसीलदार से रिपोर्ट प्राप्त करने और उपरोक्त संपत्तियों से संबंधित राजस्व रिकॉर्ड के अवलोकन के बाद, यह पाया गया कि ये संपत्तियां उनके सदस्यों के माध्यम से प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी एसोसिएशन के स्वामित्व में हैं और / उनके कब्जे में हैं.

फरवरी 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए पुलवामा फिदायीन हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार ने 2019 में जेईआई पर प्रतिबंध लगाकर और उसके नेताओं को गिरफ्तार करके कार्रवाई की थी. आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए पुलिस की एक विशेष शाखा एसआईए ने पूरे कश्मीर में जेईआई की संपत्तियों को सील कर किया. जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि जेईआई की 188 संपत्तियों की जब्ती के लिए पहचान की गई. उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में अभियान तेज होगा. अधिकारियों ने कहा है कि जेईआई की इन संपत्तियों का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने और इसके वित्तपोषण के लिए किया गया था.

ये भी पढ़ें : साल 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में भारी निवेश के दावे 'झूठे' : महबूबा

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आज गैरकानूनी रोकथाम गतिविधि अधिनियम के तहत प्रतिबंधित धार्मिक-राजनीतिक संगठन जमात-ए इस्लामी की भू संपत्तियों को जब्त कर लिया. अधिकारियों ने कहा कि संपत्तियां जेईआई के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थीं, लेकिन वास्तव में जेईआई की हैं. जब्ती के आदेश जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर मुहम्मद अजाज द्वारा राज्य जांच एजेंसी द्वारा जांच के बाद जारी किए गए थे, जिसने जेईआई के खिलाफ 2019 में अपने बटमालू पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था. Jamat Islami Property Attached.

राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा कुर्की आवेदन दायर किए जाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर द्वारा संपत्ति कुर्क की गई थी, जो आतंकी फंडिंग रैकेट और उन फंडों के माध्यम से बनाई गई विभिन्न संपत्तियों की जांच कर रही है. श्रीनगर के बाहरी इलाके शाल्टेंग और बारजुल्ला में इस जमीन पर दो मंजिला इमारत बनी हुई है. बरजुल्ला में जमीन दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी और फिरदौस अस्मी के नाम दर्ज है.

श्रीनगर के डीएम ने कहा कि राज्य जांच एजेंसी द्वारा संचार संख्या SIA/SN/FIR-17/2019/7738-42 दिनांक 16-12-2022 के अनुसार, मामला प्राथमिकी संख्या 17/2019 यू / एस की जांच के दौरान 10, 11, 13 पी/एस बटमालू के यूए (पी) अधिनियम की पी/एस एसआईए द्वारा जांच की जा रही है, तीन संपत्तियां सामने आई हैं जो प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के स्वामित्व में हैं या उसके अधिकार क्षेत्र में हैं. जिला श्रीनगर और धारा 8 यूए (पी) अधिनियम के संदर्भ में इसे अधिसूचित किया जाना है.

डीएम ने कहा कि संबंधित तहसीलदार से रिपोर्ट प्राप्त करने और उपरोक्त संपत्तियों से संबंधित राजस्व रिकॉर्ड के अवलोकन के बाद, यह पाया गया कि ये संपत्तियां उनके सदस्यों के माध्यम से प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी एसोसिएशन के स्वामित्व में हैं और / उनके कब्जे में हैं.

फरवरी 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए पुलवामा फिदायीन हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार ने 2019 में जेईआई पर प्रतिबंध लगाकर और उसके नेताओं को गिरफ्तार करके कार्रवाई की थी. आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए पुलिस की एक विशेष शाखा एसआईए ने पूरे कश्मीर में जेईआई की संपत्तियों को सील कर किया. जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि जेईआई की 188 संपत्तियों की जब्ती के लिए पहचान की गई. उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में अभियान तेज होगा. अधिकारियों ने कहा है कि जेईआई की इन संपत्तियों का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने और इसके वित्तपोषण के लिए किया गया था.

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