जबलपुर। मध्यप्रदेश में जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आग लगने के बाद आरटीआई (RTI) से मिलने वाले दस्तावेजों ने हॉस्पिटल की पोल खोल दी है. अस्पताल संचालक ने अस्पताल का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जो आवेदन जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया था उसमें बिल्डिंग कम्पलीशन प्रमाण-पत्र के स्थान पर एक प्रायवेट लेआउट लगाया गया है. साथ ही आरटीआई से मिलने वाली जानकारी के अनुसार अस्पताल की बिल्डिंग अनफिट बताई गई है. (Documents Received From RTI) आग लगने की वजह अस्पताल का जनरेटर फटना बताया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. (Fire in Jabalpur Hospital)
मुआवजे का ऐलान: अस्पताल में आग का ऐसा तांडव मचा कि 8 जिंदगी जलकर खाक हो गई. इस अग्निकांड की कुछ तस्वीरें ऐसी भी निकलकर सामने आई हैं जो बताती हैं कि स्थानीय लोगों की तत्परता और पुलिस के कुछ जवानों की कोशिशों की वजह से कुछ मरीजों को सही सलामत आग की लपटों से बाहर निकाल लिया गया था. अग्निकांड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू सहित सीएम शिवराज ने पीड़ित परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है. इधर, शिवराज सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है.
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Anguished by the loss of lives due to a fire at a hospital in Jabalpur, Madhya Pradesh. Condolences to the bereaved families. I hope the injured recover at the earliest. The local administration is providing all assistance to those affected: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जबलपुर, मध्य प्रदेश के एक अस्पताल में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों के प्रति मैं शोक संवेदना प्रकट करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करती हूं।
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— President of India (@rashtrapatibhvn) August 1, 2022जबलपुर, मध्य प्रदेश के एक अस्पताल में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों के प्रति मैं शोक संवेदना प्रकट करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करती हूं।
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लेआउट देखे बिना जारी हुआ था पंजीयन प्रमाण पत्र: अस्पताल संचालक ने अस्पताल का लाइसेंस प्राप्त करने हेतु जो आवेदन जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया उसमें नियमानुसार बिल्डिंग कम्पलीशन प्रमाण पत्र के स्थान पर एक प्रायवेट लेआउट लगाया गया. इससे साफ स्पष्ट है कि, भवन में अंदर जाने और बाहर आने का सिर्फ एक ही मार्ग था. इसके बाद भी सी.एम.एच.ओ. और तत्कालीन जांच टीम बिल्डिंग का स्वीकृत लेआउट देखे बिना अस्पताल के नियमानुसार बताकर पंजीयन जारी कर दिया था. अस्पताल संचालक के पास नियमानुसार भवन में आगजनी की स्थिति में दमकल वाहन के आने-जाने के लिए निर्धारित 3.6 मीटर साईंड स्पेस नहीं था. अनफिट होने के बाबजूद अस्पताल/नर्सिंग होम का पंजीयन दिया गया जो म.प्र. उपचार्यागृह और रूजोपचार नियम 1997, मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 एवं नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 भाग-3, भाग- 4 के विपरीत है. अस्पताल भवन अनफिट होने के बाबजूद अगस्त 2021 में शासन के आदेश पर समस्त अस्पतालों के निरीक्षण करने के लिए गठित 6 सदस्यीय कमेटी द्वारा भी अपनी रिपोर्ट में अस्पताल द्वारा समस्त नियमों का पालन करना बताया गया है. (Jabalpur hospital fire reason)
अनफिट बिल्डिंग में संचालित था अस्पताल: आरटीआई से जानकारी मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई को लेकर विभाग के जिम्मेदारों से मांग की गई, लेकिन जब किसी के कान में जूं नहीं रेंगी, तो हाईकोर्ट जबलपुर में जनहित याचिका लगाई गई थी जो अभी विचाराधीन है. याचिकाकर्ता के वकील विशाल बघेल के मुताबिक न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आग की घटना सामने आने के बाद प्रशासनिक अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज बताते हैं कि, अनफिट बिल्डिंग में अस्पताल संचालित हो रहा था. इसमें एंट्री और एग्जिट गेट एक ही था. इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने तमाम मापदंडों को दरकिनार करते हुए अस्पताल को बकायदा अनुमति दे दी गई थी, जबकि नियमों के तहत कहीं से भी भवन अस्पताल संचालित करने लायक नहीं था.