अहमदाबाद : सूरत के गद्दार दीपक सालुके का पाकिस्तान के जासूस से कनेक्शन सामने आया है. यह भी पता चला है कि दीपक ने प्रदीप बनकर पाकिस्तान में रहने वाले हामिद से बातचीत की थी. सूरत एसओजी ने गहन छानबीन के बाद पाया कि वह व्हाट्सएप एप्लीकेशन के जरिए चैट कर रहा था. जिसमें पोखरण में सेना की तस्वीर शेयर की थी (ISI informer send indian army situation pokhran pics). नवंबर माह तक हुए चैट्स से पुलिस को देशद्रोह से जुड़े कई सबूत मिले हैं.
सूरत क्राइम ब्रांच ने दीपक सालुक को गिरफ्तार किया है, जिसने पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ भारतीय सेना की गुप्त जानकारी साझा की थी. अब इस मामले में एक बड़ा और अहम अपडेट सामने आ रहा है. जिसमें उसका पाकिस्तान के जासूस से कनेक्शन सामने आया है. आरोपी दीपक सालुंके को 7 दिन की रिमांड पर लिया गया है. सूरत एसओजी ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर 12 दिन के रिमांड की मांग की है. अलग-अलग 7 मुददों पर रिमांड मांगा गया था. लेकिन कोर्ट ने सात दिन की रिमांड मंजूर कर ली.
दीपक सालुके के पाकिस्तानी नागरिक और आईएसआई एजेंट हामिद से कनेक्शन के मामले में पुलिस ने उसके व्हाट्सएप चैट की जांच की है. आरोपी की कॉल डिटेल, वह किसके संपर्क में था, पैसे कैसे मिले, इसकी जांच के लिए रिमांड मांगा गया था. इसके साथ ही पूछताछ में और चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं कि दीपक मई 2022 से कराची के हामिद के संपर्क में था. राजस्थान में पोखरण आर्मी बेस की तस्वीरें हामिद को भेजी गईं. उसने पोखरण में सेना की गतिविधियों की सूचना देने के लिए रुपये लिए थे. खाते में अब तक कुल 75,856 रुपये आए.
पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में आया : इनमें से एक ग्रुप से वह पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में आया. जिसका नाम हामिद है. दीपक के दो अलग-अलग व्हाट्सएप नंबर सक्रिय थे. वह दोनों नंबरों पर अलग-अलग फर्जी नामों से सक्रिय था. वह बिजनेस वॉट्सएप पर प्रदीप बीएसएफ बनकर बोलता था. पुलिस की गिरफ्तारी से पहले उसने सारे वॉट्सएप चैट डिलीट कर दिए थे. दीपक का क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजर 'बिनेंस' में खाता था. पाकिस्तान से हामिद ने दीपक को 226 यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी भेजी. जांच में क्रिप्टो करेंसी भेजने वाले मोहम्मद नाम के शख्स का नाम सामने आया है. वह प्रदीप नाम अपनाकर बातें करता था. दीपक ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर भरत राजपूत के नाम से अकाउंट भी बनाया था. फिर वह हवाला गतिविधियां करने वाले कुल 13 फेसबुक ग्रुप में भी शामिल हो गया.
वह भरत राजपूत बीएसएफ जैसे डमी नाम बनाकर हवाला ऑपरेटर बनकर बात करता था. सूरत पुलिस को दो भारतीय सिम कार्ड भी मिले हैं. दीपक ने पुलिस को बताया कि पहले उसके पास 17 से 18 सिम कार्ड थे. फिर 28 तारीख को 30 सिम कार्ड कहता है. दूसरी तरफ पाकिस्तानी एजेंट सिम कार्ड के लिए जल्दी आने को कहता है. पुलिस को दीपक के मोबाइल का स्क्रीन शॉट मिला है जिसमें कहा गया है कि उसके पास केवल 75856 रुपए थे.
उसके मोबाइल से पाकिस्तान का मोबाइल नंबर मिला था। उस नंबर से 24000 रुपए ट्रांसफर की डिटेल मिली. पाकिस्तान के कराची शहर में बैंक अल्फाला इस्लामिक बैंक के खाताधारक अलीकुम खान ने उल्लेख किया है कि पैसा 8 नवंबर को स्थानांतरित किया गया था. अब पुलिस जांच चल रही है कि क्या सच में यह पैसा मिला है या नहीं. इस तरह उसने पाकिस्तानी जासूस से पैसे वसूले. हालांकि पुलिस को इस मामले में कुछ बड़े खुलासे होने की भी आशंका है.
पढ़ें- ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में सूरत का एक व्यक्ति गिरफ्तार