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Tender for bullet proof jacket : स्टील कोर बुलेट से बचाएगा यह जैकेट, टेंडर जारी

सेना ने 62500 बुलेट प्रूफ जैकेट्स के लिए टेंडर जारी की है. यह स्पेशल जैकेट है, जो स्टील कोर गोलियों से सुरक्षाबलों को बचाएगा. आजकल आतंकी स्टील कोर बुलेट का प्रयोग करते हैं, जिसकी वजह से आम बुलेट प्रूफ जैकेट पर्याप्त कवर नहीं कर पाता है.

concept photo bulletproof jacket
भारतीय सेना, कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : Nov 20, 2022, 3:34 PM IST

नई दिल्ली : आतंकियों द्वारा स्टील कोर बुलेट प्रयोग किए जाने के बीच सेना ने 62,500 बुलेट प्रूफ जैकेट प्राप्त करने के लिए एक टेंडर जारी की है. ये उन फ्रंट लाइन सैनिकों को दिए जाएंगे, तो आतंकियों से लड़ने के लिए अगली पंक्ति से हमला करते हैं.

रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया के तहत इन जैकेटों के लिए दो अलग-अलग निविदाएं जारी की हैं. इनमें से 47,627 जैकेटों को चरणबद्ध समय में हासिल किया जाएगा, जबकि 15000 जैकेटों को अविलंब प्राप्त किया जाएगा. डेढ़ से दो साल के समय में पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी. सेना द्वारा सूचीबद्ध विशिष्टताओं में कहा गया है कि यह जैकेट एक सैनिक को 7.62 मिमी आर्मर-पियर्सिंग राइफल गोला-बारूद के साथ-साथ 10 मीटर की दूरी से दागी गई स्टील कोर गोलियों से बचाने में सक्षम होगा.

कश्मीर घाटी में कुछ घटनाओं में, आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अमेरिकी कवच-भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया और सैनिकों की बुलेटप्रूफ जैकेट को तोड़ने में सफल रहे. इन दो निविदाओं के माध्यम से खरीदे जा रहे जैकेट स्तर 4 के होंगे जिन्हें स्टील कोर बुलेट के खिलाफ प्रभावी माना जाता है और सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी अभियानों में तैनात सैनिकों को प्रदान किया जाएगा. सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि बल यह सुनिश्चित करेगा कि जैकेट भारत में बने हैं और इसके लिए जिस सामग्री का उपयोग किया गया है, उसे बाहर से प्राप्त न किया गया हो.

ये भी पढे़ं : 70 साल के रिटायर्ड कर्नल ने दिखाया गजब का जज्बा, 16 हजार फीट की ऊंचाई से लगाई छलांग

नई दिल्ली : आतंकियों द्वारा स्टील कोर बुलेट प्रयोग किए जाने के बीच सेना ने 62,500 बुलेट प्रूफ जैकेट प्राप्त करने के लिए एक टेंडर जारी की है. ये उन फ्रंट लाइन सैनिकों को दिए जाएंगे, तो आतंकियों से लड़ने के लिए अगली पंक्ति से हमला करते हैं.

रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया के तहत इन जैकेटों के लिए दो अलग-अलग निविदाएं जारी की हैं. इनमें से 47,627 जैकेटों को चरणबद्ध समय में हासिल किया जाएगा, जबकि 15000 जैकेटों को अविलंब प्राप्त किया जाएगा. डेढ़ से दो साल के समय में पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी. सेना द्वारा सूचीबद्ध विशिष्टताओं में कहा गया है कि यह जैकेट एक सैनिक को 7.62 मिमी आर्मर-पियर्सिंग राइफल गोला-बारूद के साथ-साथ 10 मीटर की दूरी से दागी गई स्टील कोर गोलियों से बचाने में सक्षम होगा.

कश्मीर घाटी में कुछ घटनाओं में, आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अमेरिकी कवच-भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया और सैनिकों की बुलेटप्रूफ जैकेट को तोड़ने में सफल रहे. इन दो निविदाओं के माध्यम से खरीदे जा रहे जैकेट स्तर 4 के होंगे जिन्हें स्टील कोर बुलेट के खिलाफ प्रभावी माना जाता है और सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी अभियानों में तैनात सैनिकों को प्रदान किया जाएगा. सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि बल यह सुनिश्चित करेगा कि जैकेट भारत में बने हैं और इसके लिए जिस सामग्री का उपयोग किया गया है, उसे बाहर से प्राप्त न किया गया हो.

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