रोहतक: आईसीसी वुमंस अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया है. दक्षिण अफ्रीका में वर्ल्ड कप का फाइनल मैच इंडिया वर्सेस इंग्लैंड के बीच खेला गया. भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया. बल्लेबाजी करने उतरीइंग्लैंड की टीम 68 रन पर ही ढेर हो गई. भारत की ओर से तितास साधु, पार्शवी चोपड़ा और अर्चना देवी को 2-2 विकेट मिले. जबकि मन्नत कश्यप, शेफाली वर्मा और सोनम यादव ने एक-एक विकेट लिया. मैच जीतने उतरी टीम इंडिया ने 3 विकेट के नुकसान पर 14 ओवर 1 गेंद पर ही जीत हासिल कर ली. इंडिया की ओर से सौम्या तिवारी और त्रिशा ने 24-24 रन बनाए. जबकि शेफाली ने 15, श्वेता ने 5 रन बनाए.
आपको बता दें कि शेफाली हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली है. भारतीय टीम की जीत को लेकर रोहतक में खूब जश्न मनाया जा रहा है. वहीं ऱोहतक में शेफाली की क्रिकेट एकेडमी में भी जश्न का माहौल है. पहली बार भारतीय वुमंस टीम ने अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप में जीत हासिल की है. भारतीय महिला टीम की कप्तान शेफाली वर्मा के एकेडमी में भी जश्न का माहौल है. भारतीय वुमंस क्रिकेट टीम की कप्तान शेफाली ने जीत दर्ज कर भारत का डंका बजाया है.
शेफाली के पिता संजीव वर्मा का कहना है कि, शेफाली ने काफी मेहनत की है. उन्हें पूरा विश्वास था कि शेफाली के नेतृत्व में भारतीय टीम वर्ल्ड जरूर जीतेगी. उन्होंने कहा कि वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने शैफाली पर भरोसा जताया. उम्मीद है कि भविष्य में भी भारतीय टीम इसी प्रकार जीत हासिल करेगी.
वहीं, मां प्रवीण वर्मा ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज है. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है. वह मेहनत आज सफल हो गई. शेफाली शुरूआत से ही बहुत मेहनती रही है और हमेशा लड़कों के साथ ही क्रिकेट की प्रैक्टिस की है. अब उम्मीद है कि भविष्य में शेफाली सीनियर टीम के लिए भी प्रकार खेलकर बेहतर प्रदर्शन करेगी.
इसके अलावा शेफाली की छोटी बहन नैन्सी वर्मा भी क्रिकेट खेलती है. नैन्सी का कहना है कि शेफाली उसकी प्रेरणास्रोत हैं और वह भी शेफाली की तरह की खेलकर एक दिन भारतीय टीम में शामिल होना चाहती है. शेफाली की बहन नैन्सी का कहना है कि उन्हें भारतीय टीम पर गर्व है. उन्होंने कहा कि ऐसे ही भारतीय टीम खेलती रहे और ज्यादा अच्छा करे. शेफाली जब घर आएगी तो उनका स्वागत ढोल नगाड़े बजाकर किया जाएगा केक काटा जाएगा. उन्होंने कहा वो भी क्रिकेट खिलाड़ी ही है. आगे चलकर वो भी देश के लिये खेलेगी और देश का नाम रोशन करेगी.
रोहतक में शेफाली का जन्म: शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी 2004 को रोहतक में हुआ. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर है. शेफाली वर्मा ने सचिन तेंदुलकर के 30 साल पुराने उस रिकॉर्ड को तोड़ था जो सचिन ने 16 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक लगाने के साथ अपने नाम किया था.जबकि शैफाली वर्मा ने 15 साल की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक बनाया था.
जून 2021 में डेब्यू पारी में तोड़ा था 26 साल पुराना रिकॉर्ड: शेफाली वर्मा ने जून 2021 में 17 साल की उम्र में 26 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टेस्ट में शैफाली ने डेब्यू पारी में 96 साल बनाए. उन्होंने 1995 में भारत की ओर से डेब्यू पारी खेलने वाली चंद्रकांता कौल का रिकॉर्ड तोड़ा था. चंद्राकांता ने डेब्यू पारी में 75 रन बनाए थे. शैफाली वर्मा ने अपने पहले ही टेस्ट क्रिकेट मैच में 152 गेंदों में 96 रनों की पारी खेली जिसमें 13 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. शेफाली वर्मा बेशक से 4 रन से शतक बनाने से चूक गई थी, लेकिन उसने भारत की ओर से रिकॉर्ड कायम कर दिया था.
शेफाली के क्रिकेट शुरुआत करने की है रोचक कहानी: शेफाली वर्मा के क्रिकेट की शुरुआत करने की कहानी भी बड़ी रोचक है. नवंबर 2013 में वह अपने पिता के साथ रोहतक के लाहली क्रिकेट स्टेडियम में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का मैच देखने के लिए गई थी. तेंदुलकर का यह अंतिम रणजी ट्रॉफी मैच था. तेंदुलकर को मुंबई को जीत दिलाते देख वो क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुईं.
इसके बाद उसने रोहतक की एक निजी क्रिकेट अकादमी में प्रैक्टिस शुरू की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. शैफाली वर्मा ने सितंबर 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महिला टी-20 मैच के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की. जनवरी 2020 में शैफाली को ऑस्ट्रेलिया में हुए टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई. उसी साल बीसीसीआई ने उन्हें केंद्रीय अनुबंध में भी शामिल किया.
ये भी पढ़ें: Womens T20 World Cup : शेफाली ने फाइनल से पहले टीम से मांगा ऐसा बर्थडे गिफ्ट