चांदीपुर : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल मिसाइल (VL-SRSAM) का शुक्रवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया. ओडिशा के चांदीपुर तट से प्रक्षेपण भारतीय नौसेना के जहाज से किया गया. डीआरडीओ के अधिकारी के मुताबिक वीएल-एसआरएसएएम पोत पर तैनात की जाने वाली हथियार प्रणाली है,जो समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित नजदीकी सीमाओं पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए है. प्रणाली का आज का प्रक्षेपण एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को साधने के लिए किया गया, जो सफल रहा.
उन्होंने कहा, 'हेल्थ पैरामीटर का ध्यान रखते हुए उड़ान पथ की निगरानी आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करके की गई. परीक्षण लॉन्च की निगरानी डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई.'
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Congratulations to DRDO, Indian Navy & the industry for the successful flight test of Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile off the coast of Chandipur, Odisha. This success will further enhance the defence capability of Indian Naval Ships against the aerial threats. pic.twitter.com/ltkUyhm0iR
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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रक्षामंत्री ने दी बधाई : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बधाई दी है. राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया 'डीआरडीओ, भारतीय नौसेना को चांदीपुर, ओडिशा के तट पर वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण के लिए बधाई. यह सफलता हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगी.'
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने वीएल-एसआरएसएएम के सफल परीक्षण के लिए भारतीय नौसेना और डीआरडीओ की सराहना की और कहा कि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से भारतीय नौसेना की रक्षात्मक क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की.
उन्होंने कहा, परीक्षण ने भारतीय नौसेना के पोतों पर स्वदेशी हथियार प्रणाली के एकीकरण को साबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह भारतीय नौसेना के बल को बढ़ाने वाला साबित होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण की दिशा में एक और मील का पत्थर है.
पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया था : गौरतलब है कि 15 जून को बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया था. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि, ओडिशा के चांदीपुर स्थित एक एकीकृत परीक्षण केंद्र से कम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का 15 जून को शाम करीब साढ़े सात बजे सफल परीक्षण किया गया.
मंत्रालय के अनुसार, पृथ्वी-2 मिसाइल प्रणाली बेहद कामयाब मानी जाती है और बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. मिसाइल का परीक्षण एक नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत किया गया. सतह से सतह पर मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है. पृथ्वी-2 मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम भार के हथियार ले जाने में सक्षम है और यह दो तरल प्रणोदन इंजन द्वारा संचालित है.
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