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भारत ने 1.6 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाएं अफगानिस्तान को भेजी - चिकित्सा सहायता की पहली खेप

भारत अफगानिस्तान में मानवीय संकट (Humanitarian Situation in Afghanistan) से निपटने के लिए निर्बाध मानवीय सहायता मुहैया करने की वकालत करता है. इसी के तहत भारत ने चिकित्सा सहायता की पहली खेप अफगानिस्तान को भेजी है, जिसमें 1.6 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं.

medical aid from India to afghanistan
अफगानिस्तान चिकित्सा सहायता
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Published : Dec 11, 2021, 1:22 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने संकट के समय अफगान लोगों की मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप अफगानिस्तान को शनिवार को चिकित्सकीय सामग्री (medical aid from India to afghanistan) भेजी, जो तालिबान के कब्जे के बाद भारत द्वारा अफगानिस्तान भेजी गई मानवीय मदद की पहली खेप है.

भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंदजई (Farid Mamundzay) ने कहा कि भारत से चिकित्सा सहायता की पहली खेप शनिवार सुबह काबुल पहुंची. 1.6 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाएं इस कठिन समय में कई परिवारों की मदद करेंगी. अफगान राजदूत ने इसे भारत के लोगों की ओर से उपहार बताया.

दस भारतीयों और 94 अफगान नागरिकों को काबुल से शुक्रवार को दिल्ली लाए विमान के जरिए चिकित्सकीय सामग्री को अफगानिस्तान भेजा गया.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस खेप को काबुल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, 'अफगानिस्तान में चुनौतीपूर्ण मानवीय स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार ने आज अफगानिस्तान लौट रहे एक विमान के जरिए चिकित्सकीय आपूर्ति के रूप में मानवीय सहायता भेजी है.'

एक बयान में कहा गया, 'ये दवाइयां काबुल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों को सौंपी जाएंगी और काबुल स्थित इंदिरा गांधी बाल चिकित्सालय में दी जाएंगी.'

भारत अफगानिस्तान में मानवीय संकट से निपटने के लिए वहां निर्बाध मानवीय सहायता मुहैया करने की वकालत करता है. इसी के साथ भारत काबुल में एक वास्तविक समावेशी सरकार के गठन का समर्थक है. भारत इस बात पर जोर देता है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

भारत ने घोषणा की है कि वह अफगानिस्तान में पाकिस्तान के जरिए 50,000 टन गेहूं और दवाएं भेजेगा. भारत और पाकिस्तान इस खेप को भेजने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे रहे हैं.

मंत्रालय ने बताया कि काबुल से दिल्ली की एक विशेष उड़ान के जरिए शुक्रवार को 10 भारतीयों और 94 अफगान नागरिकों को लाया गया. अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अपने साथ गुरु ग्रंथ साहिब के दो स्वरूप और कुछ प्राचीन हिंदू पांडुलिपियां भी लाए हैं.

तालिबान द्वारा 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान से भारतीयों और अफगान नागरिकों को लाने के भारत के 'ऑपरेशन देवी शक्ति' के तहत इन लोगों को लाया गया है.

यह भी पढ़ें- विशेष विमान के जरिए 104 लोगों को अफगानिस्तान से भारत लाया गया

मंत्रालय ने कहा, 'ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत कुल 669 लोगों को अफगानिस्तान से लाया गया है, जिनमें 448 भारतीय और 206 अफगान नागरिक हैं. इनमें अफगान हिंदू/सिख अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य भी हैं.

बता दें, भारत ने 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर एक क्षेत्रीय वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें रूस, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भाग लिया था.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : भारत ने संकट के समय अफगान लोगों की मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप अफगानिस्तान को शनिवार को चिकित्सकीय सामग्री (medical aid from India to afghanistan) भेजी, जो तालिबान के कब्जे के बाद भारत द्वारा अफगानिस्तान भेजी गई मानवीय मदद की पहली खेप है.

भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंदजई (Farid Mamundzay) ने कहा कि भारत से चिकित्सा सहायता की पहली खेप शनिवार सुबह काबुल पहुंची. 1.6 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाएं इस कठिन समय में कई परिवारों की मदद करेंगी. अफगान राजदूत ने इसे भारत के लोगों की ओर से उपहार बताया.

दस भारतीयों और 94 अफगान नागरिकों को काबुल से शुक्रवार को दिल्ली लाए विमान के जरिए चिकित्सकीय सामग्री को अफगानिस्तान भेजा गया.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस खेप को काबुल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, 'अफगानिस्तान में चुनौतीपूर्ण मानवीय स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार ने आज अफगानिस्तान लौट रहे एक विमान के जरिए चिकित्सकीय आपूर्ति के रूप में मानवीय सहायता भेजी है.'

एक बयान में कहा गया, 'ये दवाइयां काबुल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों को सौंपी जाएंगी और काबुल स्थित इंदिरा गांधी बाल चिकित्सालय में दी जाएंगी.'

भारत अफगानिस्तान में मानवीय संकट से निपटने के लिए वहां निर्बाध मानवीय सहायता मुहैया करने की वकालत करता है. इसी के साथ भारत काबुल में एक वास्तविक समावेशी सरकार के गठन का समर्थक है. भारत इस बात पर जोर देता है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

भारत ने घोषणा की है कि वह अफगानिस्तान में पाकिस्तान के जरिए 50,000 टन गेहूं और दवाएं भेजेगा. भारत और पाकिस्तान इस खेप को भेजने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे रहे हैं.

मंत्रालय ने बताया कि काबुल से दिल्ली की एक विशेष उड़ान के जरिए शुक्रवार को 10 भारतीयों और 94 अफगान नागरिकों को लाया गया. अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अपने साथ गुरु ग्रंथ साहिब के दो स्वरूप और कुछ प्राचीन हिंदू पांडुलिपियां भी लाए हैं.

तालिबान द्वारा 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान से भारतीयों और अफगान नागरिकों को लाने के भारत के 'ऑपरेशन देवी शक्ति' के तहत इन लोगों को लाया गया है.

यह भी पढ़ें- विशेष विमान के जरिए 104 लोगों को अफगानिस्तान से भारत लाया गया

मंत्रालय ने कहा, 'ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत कुल 669 लोगों को अफगानिस्तान से लाया गया है, जिनमें 448 भारतीय और 206 अफगान नागरिक हैं. इनमें अफगान हिंदू/सिख अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य भी हैं.

बता दें, भारत ने 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर एक क्षेत्रीय वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें रूस, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भाग लिया था.

(एजेंसी इनपुट)

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