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प्राकृतिक आपदा से अबतक 970 मौत, केंद्र ने SDRF की पहली किस्त के रूप में ₹2446.80 करोड़ जारी किए

मानसून के कारण अभी तक नौ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ (SDRF) के तहत नौ राज्यों को पहली किस्त के रूप में 2446 करोड़ से अधिक की राशि जारी की है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

970 deaths due to natural calamity so far
प्राकृतिक आपदा से अबतक 970 मौत
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Published : Jul 15, 2022, 10:22 PM IST

नई दिल्ली: देश में मानसून की वजह से अभी तक विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक आपदा की वजह से 970 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत नौ राज्यों को पहली किस्त के रूप में 2446.80 करोड़ रुपये जारी किए हैं. ईटीवी भारत के पास मौजूद सरकारी आंकड़ों के मुताबिक असम (193), हिमाचल प्रदेश (187) और महाराष्ट्र (99) में लोग हताहत हुए हैं. वहीं असम में 174 लोगों की डूबने से और 19 लोगों की भूस्खलन से मौत हो गई.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 187 लोगों की मौत हुई. इनमें 37 लोगों की डूबने से, दो लोगों की बिजली गिरने से तथा 6 लोगों की मौत भूस्खलन से हुई जबकि 147 लोगों की मौत अन्य कारणों से हुई. इसी प्रकार गुजरात में 88, मणिपुर में 53, बिहार में 50, मेघालय में 36 लोग काल के गाल में समा गए. असम में 34 जिले बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 32, गुजरात 26, अरुणाचल प्रदेश में 25 प्रभावित जिले शामिल हैं.

इस दौरान विभिन्न राज्यों में कम से कम 82 लोगों ने प्राकृतिक आपदा में लापता होने की सूचना दी. इनमें असम में 37, मणिपुर में 12, मेघालय में 11, महाराष्ट्र में 6 मामले दर्ज किए गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 16 राज्यों में 29700 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 250213 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बाढ़ की वजह से 11 राज्यों में 4451 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें असम में अधिकतम 4064, त्रिपुरा में 63, महाराष्ट्र में 53, अरुणाचल प्रदेश में 51 राहत शिविर शामिल हैं. देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत नौ राज्यों को पहली किस्त के रूप में 2446.80 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की है.

सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि राजस्थान को अधिकतम 622.40 करोड़ रुपये, बिहार 594.80 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश 470.00 करोड़ रुपये, असम 324.40 करोड़ रुपये, पंजाब 208.00 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश 171.20 करोड़ रुपये, सिक्किम 21.20 करोड़ रुपये, मणिपुर 17.60 करोड़ रुपये और नागालैंड को 17.20 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है.

ये भी पढ़ें - गुजरात : देवदूत बने कोस्ट गार्ड, बाढ़ में फंसी ग्यारह महीने की बच्ची को किया एयरलिफ्ट

वहीं गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के बाद, असम को 324.40 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है. आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1) (ए) के तहत गठित एसडीआरएफ, चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सूनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन जैसी अधिसूचित आपदाओं की प्रतिक्रिया के लिए राज्य सरकारों के पास उपलब्ध प्राथमिक कोष है. एसडीआरएफ के तहत, केंद्र सरकार सामान्य श्रेणी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आवंटन का 75 प्रतिशत और विशेष श्रेणी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर) के लिए 90 प्रतिशत का योगदान देती है.

ये भी पढ़ें - तेलंगाना के भद्राचलम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, सीएम ने दिए राहत कार्यों के निर्देश

नई दिल्ली: देश में मानसून की वजह से अभी तक विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक आपदा की वजह से 970 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत नौ राज्यों को पहली किस्त के रूप में 2446.80 करोड़ रुपये जारी किए हैं. ईटीवी भारत के पास मौजूद सरकारी आंकड़ों के मुताबिक असम (193), हिमाचल प्रदेश (187) और महाराष्ट्र (99) में लोग हताहत हुए हैं. वहीं असम में 174 लोगों की डूबने से और 19 लोगों की भूस्खलन से मौत हो गई.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 187 लोगों की मौत हुई. इनमें 37 लोगों की डूबने से, दो लोगों की बिजली गिरने से तथा 6 लोगों की मौत भूस्खलन से हुई जबकि 147 लोगों की मौत अन्य कारणों से हुई. इसी प्रकार गुजरात में 88, मणिपुर में 53, बिहार में 50, मेघालय में 36 लोग काल के गाल में समा गए. असम में 34 जिले बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 32, गुजरात 26, अरुणाचल प्रदेश में 25 प्रभावित जिले शामिल हैं.

इस दौरान विभिन्न राज्यों में कम से कम 82 लोगों ने प्राकृतिक आपदा में लापता होने की सूचना दी. इनमें असम में 37, मणिपुर में 12, मेघालय में 11, महाराष्ट्र में 6 मामले दर्ज किए गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 16 राज्यों में 29700 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 250213 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बाढ़ की वजह से 11 राज्यों में 4451 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें असम में अधिकतम 4064, त्रिपुरा में 63, महाराष्ट्र में 53, अरुणाचल प्रदेश में 51 राहत शिविर शामिल हैं. देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत नौ राज्यों को पहली किस्त के रूप में 2446.80 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की है.

सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि राजस्थान को अधिकतम 622.40 करोड़ रुपये, बिहार 594.80 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश 470.00 करोड़ रुपये, असम 324.40 करोड़ रुपये, पंजाब 208.00 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश 171.20 करोड़ रुपये, सिक्किम 21.20 करोड़ रुपये, मणिपुर 17.60 करोड़ रुपये और नागालैंड को 17.20 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है.

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वहीं गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के बाद, असम को 324.40 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है. आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1) (ए) के तहत गठित एसडीआरएफ, चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सूनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन जैसी अधिसूचित आपदाओं की प्रतिक्रिया के लिए राज्य सरकारों के पास उपलब्ध प्राथमिक कोष है. एसडीआरएफ के तहत, केंद्र सरकार सामान्य श्रेणी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आवंटन का 75 प्रतिशत और विशेष श्रेणी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर) के लिए 90 प्रतिशत का योगदान देती है.

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