कानपुर : पूरी दुनिया में आईआईटी कानपुर की अलग पहचान है. यहां इंजीनियरिंग व प्रबंधन के क्षेत्र में हजारों शोध कार्य हो चुके हैं. अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने चिकित्सा के क्षेत्र में दुनिया को अपने हुनर से रूबरू कराने की ठानी है. विशेषज्ञ गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस में ऐसे चिकित्सीय उपकरण तैयार करेंगे जो बेहद सस्ते और उपयोगी होंगे. ये देश के अलावा पूरी दुनिया के चिकित्सा संस्थानों को मुहैया कराए जा सकेंगे. केंद्र सरकार ने आईआईटी कानपुर को 6 अलग-अलग फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए कहा है. इस पर काम भी शुरू हो चुका है.
इंडोस्कोप, ऑटोमेटिक व्हीलचेयर समेत अन्य उपकरण तैयार किए जाएंगे : उपकरणों को लेकर आईआईटी कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट हेड प्रो. अमिताभ उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर में अब जल्द ही ऐसे चिकित्सकीय उपकरण बनेंगे जो जनउपयोगी होने के अलावा सस्ते भी होंगे. मुख्य रूप से ऐसा एंडोस्कोप बनाया जाएग जो कई सुविधाओं वाला होगा. इसके लिए आईआईटी कानपुर में रिसर्च लैब बन रही है. इसके अलावा हम ऑटोमेटिक व्हीलचेयर बनाएंगे. यह ड्राइवरलेस कार की तरह होगी. एक परकेटूनियस एक्सेस डिवाइस भी बना रहे हैं, जो केथेटर की मदद से दिल के मरीजों के हार्ट तक पाइप से जरूरी उपकरण पहुंचा सकेगी. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कई मरीजों की जान संक्रमण से चली जाती है. हम एक ऐसी डिवाइस बनाने की कोशिश में हैं, जो संक्रमण को रोक सके. प्रो. उपाध्याय ने बताया कि सभी 6 फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो गया है. आने वाले कुछ समय में ये कार्य पूरे हो जाएंगे.
आईआईटी व पूर्व छात्रों के फंड से होंगे कार्य : इन उपकरणों को तैयार करने के लिए फंड की व्यवस्था कैसे होगी, इस सवाल पर प्रो. अमिताभ ने बताया कि फिलहाल पूर्व छात्रों का जो फंड है, उससे काम शुरू करा दिए गए हैं. आईआईटी कानपुर से भी फंडिंग होगी. इसके अलावा हम कई फंडिंग एजेंसियों को भी पत्र लिख रहे हैं. इससे हमारा काम आसान हो जाएगा.
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