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शनि की कुदृष्टि से हैं परेशान तो शनि जयंती पर करें यह उपाय, दूर हो जाएगी सभी परेशानी

शनि जयंती 19 मई को है. इस खास दिन पर शनि देव का विधि पूर्वक पूजन आपकी सभी परेशानियां दूर कर सकता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों को इस दिन आराधना जरूर करनी चाहिए.

शनि जयंती पर पूजन से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
शनि जयंती पर पूजन से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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Published : May 15, 2023, 1:58 PM IST

शनि जयंती पर पूजन से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

वाराणसी : शनि देव को नवग्रहों में कर्म के फल का डाटा कहा जाता है. शनि के प्रभाव से बड़े से बड़े राजा रंक और रंक राजा में बदल जाते हैं. कहते हैं कि भगवान शनिदेव की दृष्टि यदि किसी पर बिगड़ जाती है तो उसका बुरा वक्त शुरू हो जाता है. ऐसे लोगों को भगवान शनि समेत हनुमान जी की विशेष आराधना करनी होती है. शनि जयंती पर शनि की उपासना से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस बार यह खास दिन 19 मई को पड़ रहा है. कई विशेष योग के साथ यह दिन उन लोगों के लिए विशेष फलदाई होगा जो ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान हैं.

ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाते हैं. इस बार शनि जयंती 19 मई को मनाई जाएगी. ऐसे में यदि आप भी शनि की दी हुई पीड़ा से परेशान हैं तो इस दिन कुछ उपायों के जरिए आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि शनि भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि को पापी ग्रह माना जाता है, क्योकि शनि ग्रह की चाल धीमी है. वो जिस भी राशि में बैठते हैं लम्बे वक्त तक वहीं रहते हैं. ऐसे में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों को इस दिन जरूर उनकी पूजा-आराधना करनी चाहिए.

शनि जयंती पर करें यह उपाय : ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि शनि जयंती पर लोगों को हनुमान जी की पूजा-आराधना जरूर करनी चाहिए. इस दिन सुबह स्नान के बाद हनुमान मंदिर में तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा शनि जयंती पर दान का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन काले कपड़े के साथ काली उड़द की दाल और गुड़ का दान भी करना चाहिए. शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के दीपक में काला तिल डालकर उसे जलाना चाहिए. 7 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए. शनि जयंती के दिन काले कपड़े पहनने से भी परेहज करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय का कहना है ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 18 तारीख की रात्रि 9:02 पर लग रही है, यह 19 तारीख को रात 8:32 तक रहेगी. शनि इस वक्त अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि पर हैं. पंच महापुरुष योग के अंतर्गत सश नामक योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा सौभाग्य एवं शोभम नाम के योग का भी निर्माण हो रहा है. इन तमाम योगों के निर्माण से यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. इसलिए जिनके ऊपर शनि संबंधी कोई भी समस्या हो शनि की महादशा हो, अंतर्दशा हो या साढ़ेसाती या अढ़ैया हो उन्हें 19 तारीख को शनि की उपासना जरूर करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : कहानीकारों की नई शुरुआत, अब पर्दे पर दिखेगी आदि विशेश्वर से लेकर बाबा विश्वनाथ तक की कहानी

शनि जयंती पर पूजन से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

वाराणसी : शनि देव को नवग्रहों में कर्म के फल का डाटा कहा जाता है. शनि के प्रभाव से बड़े से बड़े राजा रंक और रंक राजा में बदल जाते हैं. कहते हैं कि भगवान शनिदेव की दृष्टि यदि किसी पर बिगड़ जाती है तो उसका बुरा वक्त शुरू हो जाता है. ऐसे लोगों को भगवान शनि समेत हनुमान जी की विशेष आराधना करनी होती है. शनि जयंती पर शनि की उपासना से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस बार यह खास दिन 19 मई को पड़ रहा है. कई विशेष योग के साथ यह दिन उन लोगों के लिए विशेष फलदाई होगा जो ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान हैं.

ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाते हैं. इस बार शनि जयंती 19 मई को मनाई जाएगी. ऐसे में यदि आप भी शनि की दी हुई पीड़ा से परेशान हैं तो इस दिन कुछ उपायों के जरिए आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि शनि भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि को पापी ग्रह माना जाता है, क्योकि शनि ग्रह की चाल धीमी है. वो जिस भी राशि में बैठते हैं लम्बे वक्त तक वहीं रहते हैं. ऐसे में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों को इस दिन जरूर उनकी पूजा-आराधना करनी चाहिए.

शनि जयंती पर करें यह उपाय : ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि शनि जयंती पर लोगों को हनुमान जी की पूजा-आराधना जरूर करनी चाहिए. इस दिन सुबह स्नान के बाद हनुमान मंदिर में तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा शनि जयंती पर दान का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन काले कपड़े के साथ काली उड़द की दाल और गुड़ का दान भी करना चाहिए. शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के दीपक में काला तिल डालकर उसे जलाना चाहिए. 7 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए. शनि जयंती के दिन काले कपड़े पहनने से भी परेहज करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय का कहना है ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 18 तारीख की रात्रि 9:02 पर लग रही है, यह 19 तारीख को रात 8:32 तक रहेगी. शनि इस वक्त अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि पर हैं. पंच महापुरुष योग के अंतर्गत सश नामक योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा सौभाग्य एवं शोभम नाम के योग का भी निर्माण हो रहा है. इन तमाम योगों के निर्माण से यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. इसलिए जिनके ऊपर शनि संबंधी कोई भी समस्या हो शनि की महादशा हो, अंतर्दशा हो या साढ़ेसाती या अढ़ैया हो उन्हें 19 तारीख को शनि की उपासना जरूर करनी चाहिए.

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