नई दिल्ली : मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका (petition of former commissioner parambir singh) पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस प्रमुख को पुलिस पर ही भरोसा नहीं है. दरअसल, इस मामले में पूछताछ के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था और मामले को स्थानांतरित करने की मांग की थी.
न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ (A bench of Justice SK Kaul and Justice MM Sundaresh) ने कहा कि यह परेशान करने वाला परिदृश्य है. हम यह कहते हैं कि पुलिस बल के मुखिया को उसके पुलिस बल पर कोई भरोसा नहीं है? हमने आपको पर्याप्त सुरक्षा दी है अब और नहीं दे रहे हैं. इससे पहले भी अदालत ने सिंह पर राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं करने पर चिंता व्यक्त की थी.
परम बीर सिंह का आरोप है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और उनकी जांच राज्य महाराष्ट्र द्वारा प्रभावित की जा रही है. क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री को विसंगतियों के बारे में एक पत्र लिखा था. इसलिए उनका केस ट्रांसफर किया जाना चाहिए. दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि वह नहीं चाहती कि सीबीआई मामले की जांच करे क्योंकि सीबीआई के निदेशक अनिल देशमुख मामले में गवाह हैं.
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जस्टिस कौल ने कहा कि अगर संस्थान एक-दूसरे के खिलाफ इस तरह के संदेह व्यक्त करना शुरू कर दें तो हम क्या कर सकते हैं? परेशान करने वाला परिदृश्य है. हम चाहते हैं कि राज्य सरकार भी कदम उठाए. हमें देखना होगा कि वे जांच को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं या नहीं. कोर्ट ने सिंह से जांच में सहयोग करने को कहा और उनकी सुरक्षा बढ़ा दी. साथ की महाराष्ट्र सरकार से तीन सप्ताह में जवाबी हलफनामा भी मांगा है.