वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में आज हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. इसके अलावा वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़े ज्योतिर्लिग लॉर्ड आदिविशेश्वर के मामले की भी सुनवाई हुई. केंद्र और राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण 1993 में कराई गई बैरिकेडिंग को हटाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका पर वादी पक्ष की तरफ से साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे. कोर्ट ने मामले की सुनवाई की. दोनों ही पक्षों ने अपनी बात रखी. कोर्ट ने इस मामले में 8 अगस्त को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.
दरअसल, वाराणसी की अधिवक्ता अनुष्का तिवारी और इंदु तिवारी ने ज्योतिर्लिंग लार्ड विशेश्वर विराजमान की तरफ से अधिवक्ता शिवपूजन ने गौतम सिंह, शरद श्रीवास्तव और हिमांशु तिवारी के जरिए यह वाद दाखिल किया. इसमें ज्ञानवापी स्थित आराजी संख्या को भगवान का मालिकाना हक घोषित करने और केंद्र और राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग करने के साथ ही 1993 में मस्जिद परिसर में कराई गई बैरिकेडिंग को हटाने की मांग की है.
पिछली तारीख पर वादिनी पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के उस आवेदन पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें वाद के समर्थन में दिए गए साक्ष्यों की प्रति मांगी गई थी. वादिनी पक्ष ने आपत्ति आवेदन में कहा है कि जो साक्ष्य दिए गए हैं, वह सार्वजनिक व ऐतिहासिक हैं. इसे कमेटी खुद प्राप्त कर सकती है. फिलहाल, 21 जुलाई को आए फैसले के बाद 24 जुलाई को एएसआई की तरफ से लगभग 5 घंटे तक किए गए सर्वे के बाद बुधवार (26 जुलाई) शाम 5 बजे तक इस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक लगी है. इसे लेकर हाईकोर्ट में भी आज महत्वपूर्ण सुनवाई हुई.
वहीं एक अन्य मामले की सुनवाई मंगलवार को भी की गई है, जिसमें स्पेशल सीजेएम के कोर्ट में हुई अपील में ज्ञानवापी मामले में भावनाएं आहत करने और भड़काने की कोशिश करने के मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. ज्ञानवापी प्रकरण में बजरिया भेलूपुर निवासी विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने बैरिकेडिंग हटाने की याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि आठ अगस्त तय की है.
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