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ज्ञानवापी मस्जिद : सर्वेक्षण के खिलाफ याचिका खारिज करने की अपील, हिंदू सेना पहुंची SC - ज्ञानवापी मस्जिद न्यूज़

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की अपील करते हुए हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया है (Hindu Sena moves SC).

ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर हिंदू सेना , Hindu Sena on Gyanvapi mosque case
ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर हिंदू सेना , Hindu Sena on Gyanvapi mosque case
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Published : May 17, 2022, 2:08 PM IST

Updated : May 17, 2022, 3:38 PM IST

नई दिल्ली: हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हस्तक्षेप आवेदन (intervention application ) दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की अपील की है. दरअसल अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण को चुनौती दी गई थी. इसके खिलाफ हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता (Hindu Sena Vishnu Gupta) की ओर से हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया गया है.

आज जस्टिस चंद्रचूर्ण की अध्यक्षता वाली बेंच मुख्य मामले की सुनवाई कर रही थी. उसी दौरान हिंदू सेना की ओर से पेश अधिवक्ता बरुन कुमार सिन्हा ने आवेदन का उल्लेख किया. इस पर पीठ ने सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा. आवेदक ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से छूट दी गई है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर काशी विश्वनाथ मंदिर और श्रृंगार गौरी मंदिर प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत आते हैं. इसलिए, धारा 4(3)(1) के तहत पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से छूट दी गई है.

आवेदन में कहा गया है कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने विवादित स्थल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया और उसके स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया. पूर्ववर्ती मंदिर के अवशेष नींव, स्तंभों और मस्जिद के पिछले हिस्से में देखे जा सकते हैं. इसमें कहा गया है सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिवलिंग पाए जाने के बाद वाराणसी जिला अदालत ने परिसर की एक जगह को सील करने का निर्देश दिया है.

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने सीजेआई रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और यथास्थिति का आदेश देने की अपील की था. हालांकि, पीठ ने मामले में यथास्थिति प्रदान करने से इनकार करते हुए कहा था कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि मामला क्या है, क्योंकि उसने कागजात नहीं देखे हैं.

नई दिल्ली: हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हस्तक्षेप आवेदन (intervention application ) दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की अपील की है. दरअसल अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण को चुनौती दी गई थी. इसके खिलाफ हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता (Hindu Sena Vishnu Gupta) की ओर से हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया गया है.

आज जस्टिस चंद्रचूर्ण की अध्यक्षता वाली बेंच मुख्य मामले की सुनवाई कर रही थी. उसी दौरान हिंदू सेना की ओर से पेश अधिवक्ता बरुन कुमार सिन्हा ने आवेदन का उल्लेख किया. इस पर पीठ ने सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा. आवेदक ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से छूट दी गई है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर काशी विश्वनाथ मंदिर और श्रृंगार गौरी मंदिर प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत आते हैं. इसलिए, धारा 4(3)(1) के तहत पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से छूट दी गई है.

आवेदन में कहा गया है कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने विवादित स्थल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया और उसके स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया. पूर्ववर्ती मंदिर के अवशेष नींव, स्तंभों और मस्जिद के पिछले हिस्से में देखे जा सकते हैं. इसमें कहा गया है सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिवलिंग पाए जाने के बाद वाराणसी जिला अदालत ने परिसर की एक जगह को सील करने का निर्देश दिया है.

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने सीजेआई रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और यथास्थिति का आदेश देने की अपील की था. हालांकि, पीठ ने मामले में यथास्थिति प्रदान करने से इनकार करते हुए कहा था कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि मामला क्या है, क्योंकि उसने कागजात नहीं देखे हैं.

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(ANI)

Last Updated : May 17, 2022, 3:38 PM IST
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