अहमदाबाद : गुजरात के वलसाड जिले नाथूराम गोडसे से जुड़ा विवाद (Gujarat school Godse row) सामने आया है. स्कूल में गोडसे से जुड़े विवाद के बाद अधिकारी को निलंबित किया गया है. जानकारी के मुताबिक स्कूल के बच्चों ने बाल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में विवादास्पद विषय- 'मेरे आदर्श नाथूराम गोडसे' पर भाषण (gujarat school godse speech competition) दिया. प्रतियोगिता में भाषण देने के बाद एक छात्र को प्रथम पुरस्कार दिया गया. छात्र की जीत के बाद विवाद शुरू हो गया है. पीटीआई के मुताबिक वलसाड जिले की एक परिवीक्षाधीन युवा विकास अधिकारी को निलंबित (Valsad probationary youth development officer suspended) किया गया.
दरअसल, वलसाड में जिला युवा विकास अधिकारी के कार्यालय की ओर से विद्यालय में बाल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता (Bal Pratibha Shodh Vaktrutv Spardha) का आयोजन किया गया. इसमें तीन विषय तय किए गए. एक विषय था- 'मेरे आदर्श नाथूराम गोडसे (my ideal Nathuram Godse).' प्रतियोगिता में भाग लेने वाले एक छात्र को गांधी की निंदा करने और गोडसे को नायक के रूप में चित्रित करने के लिए प्रथम पुरस्कार भी दिया गया. अब बाल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में गोडसे का विषय रखे जाने के मुद्दे पर विवाद छिड़ गया है. जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधि राज्य मंत्री हर्ष सांघवी (Gujarat Minister Harsh Saghavi godse dispute) द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद वलसाड जिले की परिवीक्षाधीन वर्ग-2 जिला युवा विकास अधिकारी मिताबेन गवली को तत्काल निलंबित (gujarat Mitaben Gavli suspended) कर दिया गया. सांघवी ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, 'मैंने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. हम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.' कुछ घंटों के भीतर गवली को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया.
आदेश में कहा गया है कि विभाग के वलसाड कार्यालय द्वारा 14 फरवरी को एक निजी स्कूल में आयोजित भाषण प्रतियोगिता के लिए विषय चयन में अधिकारी को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए थी. यह प्रतियोगिता पूरे वलसाड जिले के 11 से 13 वर्ष की आयु वर्ग के प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए थी.
निलंबन आदेश में कहा गया है, '14 फरवरी को आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों को चुनने के लिए तीन विषय दिए गए थे. गवली द्वारा प्रदान किए गए विषयों में से एक 'मेरा रोल मॉडल- नाथूराम गोडसे' था. अन्य दो विषय थे 'मुझे केवल वही पक्षी पसंद हैं जो आसमान में उड़ते हैं' और 'मैं वैज्ञानिक बनूंगा लेकिन अमेरिका नहीं जाऊंगा.'
विभाग के उप सचिव दीपक पटेल द्वारा हस्ताक्षरित निलंबन पत्र में कहा गया है कि विभाग ने जब वलसाड जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी बी डी बरियाया से जानकारी मांगी तो उन्होंने विभाग को बताया कि गवली ने इन विषयों का चयन किया था और भाषण प्रतियोगिता के बारे में सूचित करने के लिए प्राथमिक विद्यालयों को पत्र लिखा था. विवाद शुरू होने के बाद निजी स्कूल प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि उसने केवल कार्यक्रम की मेजबानी की थी और इसका आयोजन नहीं किया था.
जानकारी के मुताबिक जिला युवा विकास कार्यालय द्वारा बाल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता (gujarat elocution competition Nathuram Godse role model) का आयोजन किया गया. इसमें कक्षा कक्षा के बच्चों के लिए बाल प्रतिभा शोधन संगोष्ठी का आयोजन किया गया. विभिन्न विषयों पर कक्षा 5 से 8 में पढ़ने वाले 11 से 13 वर्ष के बच्चों ने भाषण दिए. 'मेरा आदर्श नाथूराम गोडसे' (Maro Adarsh Nathuram Godse) विषय पर भाषण देने और गांधीजी की निंदा कर गोडसे को एक नायक बताने वाले छात्र को पहला पुरस्कार मिला.
विवादित अधिकारियों ने फोन उठाना बंद किया
पूरा मामला प्रकाश में आते ही प्रतियोगिता के आयोजक- जिला युवा विकास अधिकारी कार्यालय से संपर्क करने का प्रयास किया गया. विवाद बढ़ता देख अधिकारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया. जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (valsad district primary education officer) ने पूरे मामले की जांच की बात कही है.
इससे पहले बताया गया कि वलसाड में गोडसे से जुड़ी वक्तृत्व प्रतियोगिता (valsad godse oratory competition) का विषय जिला युवा विकास अधिकारी (District Youth Development Officer) द्वारा तय किया जाता है. उन्होंने जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी से टेलीफोन पर संपर्क किया और कहा, आयोजकों को तलब किया गया है और इस बात की जांच शुरू कर दी गई है कि भाषण का विषय किसने तय किया. उन्होंने कहा कि जिला युवा विकास कार्यालय को उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह जिला पंचायत के दायरे में नहीं आता है.
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कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी आक्रामक
पूरा मामला वलसाड के कुसुम विद्यालय का है. 'मेरे आदर्श गोडसे' विषय पर स्कूल में भाषण (gujarat My Role Model Nathuram Godse) के संबंध में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कुसुम विद्यालय में पैदा हुआ विवाद बेहद निंदनीय है. उन्होंने कहा कि गांधीजी जैसे महात्मा को भारत के कमजोर नेता के रूप में चित्रित करके गोडसे को नायक बताने का प्रयास किया गया है. कहा जाता है कि ऐसे विवादों का सीधा असर बच्चों के दिमाग पर पड़ता है. उन्होंने संघ, आरएसएस और भाजपा पर आरोप लगाए और कहा, बच्चों को गांधीवादी विचारधारा से दूर करने के लिए पहले से ही छेड़छाड़ की जा रही है.
इस मामले में कुसुम विद्यालय की प्रशासक अर्चना देसाई (Valsad Kusum Vidhyalaya Archana Desai) ने कहा, 'हमने इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केवल अपने स्कूल परिसर को विभाग को उपलब्ध कराया था. न केवल विषय, यहां तक कि प्रतियोगिता के लिए निर्णय करने वालों का चयन वलसाड जिला कार्यालय द्वारा किया गया था.'