नई दिल्ली: भारत के अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने शनिवार को कहा कि सरकार को अपनी अंतहीन अपीलों से उच्चतम न्यायालय पर बोझ डालना बंद करना होगा. एजी ने कहा,'यह महत्वपूर्ण है कि सरकार उच्च न्यायालयों से मामलों के निर्बाध और भारी प्रवाह के साथ-साथ अंतहीन वैधानिक अपीलों के साथ सर्वोच्च न्यायालय पर बोझ बढ़ाना बंद करे.'
आर वेंकटरमणी संविधान दिवस के अवसर सप्रीम कोर्ट में आयोजित समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीश उपस्थित थे. एजी ने कहा कि सभी विभागों के पास एक रेजोल्यूशन विंग होना चाहिए और यह आवश्यक नहीं है कि उन्हें हमेशा कानूनी विवाद में शामिल किया जाए.
एजी ने कहा, 'हमें कानूनी सुधार के लिए एक स्थायी कानून आयोग, कानूनी सुधार विंग, रिसर्च विंग, एकेडमिक विंग की जरूरत है. हमें अपने उच्च न्यायालयों पर दबाव को कम करने की जरूरत है.' एजी ने कहा, 'मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब पश्चिमी देश हमसे सीखेगा. लोगों की सोच से उपनिवेशवाद दूर होगा, लोग इससे मुक्त होंगे.
केंद्रीय कानून मंत्री ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सरकार सभी नागरिकों को सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी और न्याय को एकीकृत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि टेली लॉ सेवाओं के माध्यम से प्री लिटिगेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और 25 लाख लोग इससे लाभान्वित हुए हैं.
मंत्री ने कहा, 'अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ लोगों को सलाह दी जाएगी.' कानूनी क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा समिति का गठन किया गया है और इसकी अध्यक्षता पूर्व सीजेआई एसए बोबडे कर रहे हैं. इसने सिविल, क्रिमिनल आदि जैसे शब्दों को सूचीबद्ध किया है जो न्यायपालिका में सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं और पहले ही 65000 शब्दों की शब्दावली बना चुके हैं. किरेन रिजिजू ने कहा कि एआई का उपयोग न्याय को और अधिक सुलभ बनाने के लिए किया जाएगा.