नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने मेघालय (Meghalaya) की राजधानी शिलांग (Shillong) में 28 अक्टूबर को हुई हिंसक घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल (National Spokesperson Vinod Bansal) ने कहा है कि फेडरेशन ऑफ खासी, जयंतिया और गारो पीपल (FKJGP) के द्वारा कथित बेरोजगारी के विरोध में निकाला गया प्रदर्शन जिस प्रकार उग्र और हिंसक भीड़ में बदल गया, वह मेघालय सरकार या केंद्र सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है.
विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने सरकार से मांग की है कि हिंसा और अलगाववादी सोच रखने वाले संगठनों पर कठोर कार्रवाई कर राज्य के निरपराध व शांतिपूर्ण हिन्दू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिये. साथ ही हिंसक लोगों को समर्थन देने वाले राजनैतिक संगठनों पर भी अंकुश लगाया जाना चाहिये. विहिप नेता ने आगे कहा है कि अनियंत्रित हिंसा करने के अलावा उन्मादी भीड़ द्वारा जिस तरह के राजनीतिक और राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जा रहे थे उससे स्पष्ट होता है कि इस कथित आंदोलन के पीछे किन शक्तियों की प्रेरणा है.
ऐसा लगता है कि मेघालय और भारत का हताश विपक्ष मेघालय के युवाओं के एक वर्ग को भ्रमित कर हिंसा के मार्ग पर जाने के लिए प्रेरित कर रहा है। एफकेजेजीपी के अध्यक्ष डंडी खोसगिंट ने हिंसा पर दिखावटी चिंता व्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि यह हिंसक प्रदर्शन तो केवल शुरुआत है. ऐसा लगता है उनकी रूचि समाधान में नहीं बल्कि हिंसा के द्वारा संपूर्ण मेघालय के शांतिप्रिय समाज को आतंकित कर अपने आकाओं के भारत विरोधी एजेंडे को पूरा करने में है।.विहिप का आरोप है कि शिलांग के प्रशासन की अकर्मण्यता ने आग में घी डालने का काम किया है.
विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों से अराष्ट्रीय तत्वों के संकेत पर चल रही इस प्रकार की हिंसा का मेघालय के विकास पर भी दुष्परिणाम दिखाई दे रहा है. मेघालय की आय का मुख्य आधार पर्यटन है जिसमें, भारी कमी आई है. व्यवसायिक गतिविधियां ठप हो गई हैं. व्यापारी व उद्योगपति अपने संस्थानों को खोल नहीं पा रहे हैं. पुलिस की अकर्मण्यता के कारण लोग अपने घरों में दुबकने के लिए विवश हैं. पिछले कुछ वर्षों में, शांतिप्रिय लोग बड़ी संख्या में पलायन कर चुके हैं.
मिलिंद परांडे ने मेघालय के युवाओं से भी अनुरोध किया कि लोकतंत्र में हर समस्या का समाधान चर्चा से निकलता है, हिंसा से नहीं. हिंसा ना तो मेघालय के हित में है और ना ही वहां के युवाओं के. उन्हें अपनी शक्ति का प्रयोग अलगाववादी या हिंसक तत्वों के हाथ में खेल कर उनके निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए नहीं अपितु, अपने विकास के लिए करना चाहिए.
पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा: सीलबंद लिफाफे के आधार पर आदेश पारित करना अनुचित
जारी व्यक्तव्य में विहिप ने मेघालय सरकार और केंद्र सरकार से कहा है कि वे हिंसक तत्वों के विरुद्ध कठोरता से कार्यवाही कर वहां के शांतिप्रिय जनजातीय व गैर जनजातीय हिन्दू समाज को मेघालय के विकास में अपना योगदान देने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करें. परांडे ने कहा है कि हिंसा अलगाववादियों का तो एजेंडा हो सकता है, अपने उज्जवल भविष्य के प्रति सजग युवा शक्ति का नहीं. इस समय देश, विकास के मार्ग पर द्रुत गति से चल रहा है. विहिप का मानना है कि विकास की इस धारा में शामिल होकर ही अपना विकास किया जा सकता है, इससे अलग होकर नहीं.