वाराणसी: चौथे G20 संस्कृति कार्य समूह का वाराणसी में संपन्न हो गई. अब 26 अगस्त को संस्कृति मंत्रियों की बैठक होगी. यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी जिसे लेकर वाराणसी पहुंचे केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी समेत अन्य महत्वपूर्ण लोगों ने जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि 2014 से अब तक 400 से अधिक पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया है और संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है. आज मंत्री समूह की बैठक में चार प्रस्तावों सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनर्स्थापना, एक सतत भविष्य के लिए मौजूदा विरासत का उपयोग, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों को बढ़ावा देने तथा रचनात्मक अर्थव्यवस्था, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों से लाभ उठाने पर मुहर लगेगी.
वाराणसी में G20 देश के साथ नौ आमंत्रित देश के सदस्यों को लेकर दो दिन तक चली कल्चरल ग्रुप की मीटिंग के बाद आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और मीनाक्षी लेखी ने बताया कि जो चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पहले हो चुकी तीन अलग-अलग बैठकों में रखे गए थे. उन पर आज समूह की बैठक में चर्चा हुई है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चारों प्रस्तावों पर सभी देशों की सहमति बन गई है. 26 अगस्त को मिनिस्टीरियल ग्रुप की बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहर लगा दी जाएगी.
उन्होंने बताया की भारत की अध्यक्षता में G20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक में G20 सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मसौदा घोषणा पर चर्चा शुक्रवार को हुई. भारत की G20 अध्यक्षता के तहत आयोजित सीडब्ल्यूजी ने अपने परिणाम दस्तावेज़ और अध्यक्ष के सारांश के माध्यम से वैश्विक नीति निर्धारण के केंद्र में संस्कृति की स्थिति पर जोर दिया. संस्कृति मंत्रियों की बैठक का आयोजन शनिवार को वाराणसी में होगा. इस कार्यक्रम में जी 20 समूह के 20 देश के मंत्रियों के अलावा नौ अन्य आमंत्रित देश के प्रतिनिधि और विशिष्टजन मौजूद रहेंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी डिनर पार्टी में शामिल होंगे.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि वाराणसी में आयोजित संस्कृति बैठक ने सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है. G20 के तहत आयोजित संस्कृति कार्य समूह की बैठकों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पहली सांस्कृतिक समूह की बैठक खजुराहो में, दूसरी भुवनेश्वर में, तीसरी हम्पी, कर्नाटक में और चौथी अब वाराणसी में आयोजित की गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी में सांस्कृतिक मंत्रिस्तरीय घोषणा शनिवार को बैठक के अंत में की जाएगी.
जी किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि इस वर्ष इस सांस्कृतिक कार्य समूह में विभिन्न कार्यक्रम और वेबिनार आयोजित किए गए. इन वेबिनारों और कार्यक्रमों में विभिन्न G20 देशों और आमंत्रित देशों के रिकॉर्ड 159 विशेषज्ञों के साथ-साथ अन्य हितधारकों ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि सभी के इनपुट के आधार पर घोषणा की जाएगी. भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी से सांस्कृतिक समूह की बैठक और घोषणा को देखना हमारे लिए एक यादगार क्षण है. उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक 400 से अधिक पुरावशेषों को पुनः प्राप्त कर भारत लाया गया है.
संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संगीत की सभी घरानों के कलाकार, कलाकृति, संग्रहालय, मंदिर और परंपराओं के कारण ही हम सभी वाराणसी में एकत्र हुए हैं. उन्होंने कहा कि संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने विभिन्न देशों के लोगों को करीब लाकर सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है. उन्होंने यह भी बताया कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए सांस्कृतिक एकता की थीम पर एक डाक टिकट जारी किया जाएगा.
संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन ने कहा कि शनिवार को टीएफसी में एक भव्य सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम सुर वसुधा का आयोजन किया जाएगा. यह कार्यक्रम में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर 29 देशों के संगीतकार एक साथ आएंगे.
G20 देशों के डेलीगेट्स ने देखी गंगा आरती
बैठक के बाद G20 देशों के डेलीगेट्स ने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती देखी.सभी डेलीगेट्स दो क्रूज पर सवार होकर गंगा आरती में शामिल होने पहुंचे. करीब एक घंटे तक गंगा आरती देखते रहे. इस विशेष अवसर पर बनारस के एक भक्त द्वारा 4 मिनट 6 सेकंड तक शंख बजाया गया. इस दौरान गंगा सेवा निधि व जिला प्रशासन द्वारा भव्य रूप से दशाश्वमेध घाट को फूल-मालाओं व 5100 दीपो से सजाया गया था. गंगा सेवा निधि के सुशांत मिश्रा ने बताया कि G20 के सभी डेलीगेट्स गंगा आरती में शामिल हुए. यह हमारे लिए गर्व की बात है.
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