हैदराबाद : यदि आपने उचित रिटर्न दाखिल किया है और आवश्यक राशि से अधिक इनकम टैक्स जमा किया है, तो आप रिफंड के हकदार हैं. पिछले फाइनेंशियल ईयर (2020-21) में कई लोगों ने अपना रिटर्न दाखिल किया है और अपना रिफंड भी प्राप्त किया है. कुछ तकनीकी खराबी के कारण कुछ लोगों को रिफंड नहीं मिल सका. यदि आपको भी रिफंड नहीं मिला है तो नीचे दिए गए टिप्स को देखें.
आयकर बकाया (Income Tax arrears) : यदि पिछले असेस्मेंट ईयर में टैक्स बकाया है, तो आयकर विभाग रिफंड देने से इनकार कर सकता है. इसके अलावा विभाग करदाता को बकाया राशि के बारे में याद दिलाने के लिए नोटिस भी जारी करता है. पता करें कि क्या आपको पहले ऐसा कोई नोटिस प्राप्त हुआ है . ऐसे नोटिस पर आयकर दाता को जवाब देना होता है. बकाये टैक्स पर दिए गए नोटिस के जवाब के आधार पर आयकर विभाग रिफंड पर फैसला करता है.
बैंक डिटेल्स में त्रुटियां (Errors in bank details) : यदि इनकम टैक्स रिटर्न में दिए गए बैंक डिटेल गलत हैं, तो रिफंड संभव नहीं है. बेहतर होगा कि एक बार फिर से बैंक डिटेल्स चेक कर लें. रिटर्न दाखिल करने के बाद अगर ई-वेरिफिकेशन नहीं किया गया है, तो यह रिफंड को रोक सकता है. यह अनिवार्य है कि रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन पूरा करना होगा, अन्यथा यह अमान्य हो जाएगा. रिटर्न फाइल करने के बाद जल्द से जल्द ई-वेरिफिकेशन करना बेहतर है.
अतिरिक्त जानकारी (Additional information): हो सकता है कि आयकर विभाग को आपके रिफंड को लेकर कुछ संदेह हो. ऐसे हालात में विभाग कुछ स्पष्टीकरण की उम्मीद कर सकता है. स्पष्टीकरण मिलने तक विभाग रिफंड के प्रोसेस को रोक सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट में लॉग इन करें और देखें कि क्या कोई अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है. अगर मांगी गई है तो तुरंत जानकारी उपलब्ध कराएं. कई बार हमारे और इनकम टैक्स विभाग के टैक्स कैलकुलकेशन में विसंगति हो जाती है. ऐसे मामलों में भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड देने से इनकार कर देता है, इसलिए जरूरत पड़ने पर विभाग की बेवसाइट पर पेंडिंग एक्शन के लिंक पर चेक करें और जवाब दाखिल करें.
पढ़ें : ध्यान से चुनें रेवेन्यू गारंटी पॉलिसी, जो जरूरत पड़ने पर बने मददगार