नई दिल्ली : भारत से अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय सहायता के रूप में भेजी गई 2500 मीट्रिक टन गेहूं की पहली खेप शनिवार को जलालाबाद पहुंच गई. इसे पाकिस्तान से होते हुए सड़क मार्ग से 50 ट्रकों में भेजा गया था. भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मंमूदजई ने कहा कि 50 ट्रकों में भेजी गई गेहूं की यह पहली खेप अफगानिस्तान के शहर जलालाबाद पहुंच गई और अब इसे लोगों के बीच विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के माध्यम से वितरित किया जाएगा.
अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र की अपील के मद्देनजर भारत सरकार ने अफगानिस्तान के लोगों को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं तोहफे के रूप में देने का निर्णय किया था. मंगलवार को विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला के साथ अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मंमूदजई और विश्व खाद्य कार्यक्रम के स्थानीय निदेशक बी पराजुली की मौजूदगी में अमृतसर के अटारी सीमा चौकी पर आयोजित एक समारोह में इस खेप को रवाना किया गया था .
अफगानिस्तान के राजदूत ने ट्वीट किया, 'सहायता के रूप में 2500 मीट्रिक टन गेहूं की पहली खेप आज सुबह जलालाबाद पहुंची.' उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में डब्ल्यूएफपी अब इस सहायता को पूरे अफगानिस्तान में जरूरतमंद लोगों में वितरित करेगी. भारत से मंगलवार को भेजी गई इस खेप में गेहूं के प्रत्येक बैग पर अंग्रेजी, पश्तो और दरी भाषा में लिखा था, 'भारत के लोगों की ओर से अफगानिस्तान के लोगों के लिए तोहफा.'
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समझा जाता है कि इस खेप में खाद्यान्न की आपूर्ति 50-50 किलोग्राम के जूट के बैग में गेहूं की पैकिंग करके की गई है और इसे भेजे जाने की तिथि से गेहूं की मियाद (शेल्फ लाइफ) एक वर्ष है. गौरतलब है कि भारत ने सड़क मार्ग से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को 50,000 टन गेंहू भेजने के लिए ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध करते हुए सात अक्टूबर, 2021 को इस्लामाबाद को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर उसे 24 नवंबर, 2021 को जवाब मिला.
पाकिस्तान से मिले जवाब के आधार पर दोनों पक्षों ने मिलकर परिवहन से जुड़ी सारी बातचीत तय की. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों के साथ विशेष संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में भारत ने पहले ही अफगानिस्तान को कोविड रोधी टीके की 5 लाख खुराक,13 टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं और गरम कपड़ों से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति की है.
(पीटीआई-भाषा)