वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर शुल्क की सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी खबरों (Sparsh darshan rumor in Kashi Vishwanath Temple) के बाद विश्वनाथ मंदिर प्रशासन अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर चुका है. इस बाबत विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से मंदिर पीआरओ अरविंद शुक्ला की तहरीर पर 8 नामजद समेत एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं मंदिर के कई कर्मचारी भी इस षड्यंत्र का हिस्सा होने के शक के आधार पर जांच के दायरे में आ गए हैं.
इस बारे में एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि बीते सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क लिये जाने की खबर वायरल हुई थी. वहीं इस मामले में अब मंदिर झूठी अफवाह फैलाने के आरोप में 8 नामजद और 1 अज्ञात पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है. यह केस मंदिर प्रशासन के पीआरओ अरविंद शुक्ला की तहरीर पर दर्ज हुआ है.
उनका कहना है कि रंगभरी एकादशी के दिन पहले 2 मार्च एक व्यक्ति अजय शर्मा की तरफ से मंदिर के टिकट काउंटर से पूजा के बाबत 500 रुपये की डोनेशन रसीद बनवाई गई थी और उस वक्त वहां बैठे मंदिर के ही एक कर्मचारी की मिलीभगत से उस रसीद पर स्पर्श दर्शन लिखवा लिया था. इसलिए इस गलत काम में इस रसीद जारी करने वाला कर्मचारी भी शामिल हैं. उसकी भूमिका की भी जांच हो रही है. इस राशि को गलत तरीके से बनवाने के बाद रजत शर्मा के द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट और अपने एक सोशल मीडिया न्यूज़ चैनल के जरिए इसे गलत तरीके से प्रसारित भी किया गया. इतना ही नहीं मंदिर में कुछ मंत्री और अधिकारियों के लिए अपशब्द भी लिखे गये थे.
इस संबंध में चौक पुलिस ने अजय शर्मा, आशीषधर, रति हेगड़े, विक्रम, भवतेश शर्मा, अरती अग्रवाल, हेमा और दो अन्य समेत अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. तहरीर के अनुसार साजिश के तहत 2 मार्च को अजय शर्मा के नाम से दान के रूप में दिये गये 500 रुपये की रसीद को आधार बनाकर स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क लिये जाने की अफवाह फैलाई गई. मंदिर, प्रशासन, ट्रस्टीगण, जनप्रतिनिधियों और शासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया. साजिशकर्ताओं के सोशल मीडिया के सक्रिय सहयोगी भी इसमें शामिल रहे.
एसीपी से मुताबिक आरोपितों पर धारा 153 ए - सद्भाव बिगाड़ने, 295 - धर्म का अपमान करने, 506 - धमकी, 120 बी - साजिश रचने, आईटी एक्ट - सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अफवाह फैलाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. शुल्क संबंधी सूचना वायरल होने के बाद सोमवार को मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने इसका खंडन कर स्पष्ट किया था कि किसी तरह का शुल्क निर्धारण नहीं हुआ है. पिछली बैठक में शुल्क लगाने पर विभिन्न ट्रस्ट की ओर से विचार प्रकट किया गया था. उसी समय प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था.
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