नई दिल्ली : किसान आंदोलन पर भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के हित में फैसला देगी. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी का यह भी आरोप है कि किसान आंदोलन में आंदोलन कम और राजनीति ज्यादा हो रही है और इसमें खालिस्तान के अराजक तत्व भी हैं, जो देश के खिलाफ किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगवा रहे हैं.
ईटीवी भारत ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा से खास बात की. इस दौरान नूपुर शर्मा ने किसान आंदोलन और विपक्षी पार्टियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह वह पार्टियां हैं, जो सरकार से कानूनों को वापस लेने की बात कर रही हैं, लेकिन उन पार्टियों से भाजपा यह सवाल करना चाहती है कि यह पार्टियां तब कहां थी, जब राज्यसभा में ये कानून पास हो रहे थे और राज्यसभा के उपसभापति ने 12 बार विपक्षी पार्टियों से हंगामा छोड़कर इस पर बहस करने की अपील की थी.
नूपुर शर्मा ने कहा कि विपक्षी पार्टियां पहले किसानों को इस बात पर बरगला रही थीं कि इस बिल में जो प्रावधान है, उसके खिलाफ सिविल कोर्ट में वह अपील नहीं कर पाएंगे बाद में यह बातें भी सरकार ने साफ कर दी और किसान भी तैयार हो गए थे, लेकिन अचानक विपक्षी पार्टियों के बरगलाने के बाद किसानों ने यू-टर्न ले लिया.
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि यह आंदोलन किसानों के हित से ज्यादा राजनीतिक होता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जहां तक टिप्पणी है कि इन कानूनों के बारे में फिर से बताया जाए उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती, लेकिन वह इतना जरूर कहना चाहती हैं कि जो वास्तविक किसान हैं, उनसे सरकार बार-बार बातचीत करने का प्रयास कर रही है. यह आरोप लगाया जाना कि किसान पर सरकार विचार नहीं कर रही यह सरासर गलत है.
सत्ताधारी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का यह भी कहना है कृषि कानूनों पर बनाई गई कमेटी बार-बार किसानों से बातचीत करने की कोशिश करती रही है और उन्हें समझाने की भी कोशिश करती रही है. इसके बाद भी किसान आंदोलन में कुछ ऐसे अराजक तत्व घुस गए हैं, जो खालिस्तानी संगठन के संपर्क में हैं, वहां पर खालिस्तान से संबंधित किताबें बांटी जा रही हैं. सरकार के खिलाफ अत्यंत आपत्तिजनक नारेबाजी की जा रही है.
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साथ ही अभिनेता दिलजीत सिंह दोसांझ पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पहले खुद कांग्रेस के प्रवक्ता रवनीत बिट्टू ने कहा था कि दिलजीत खालिस्तानी हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा यह पूछना चाहती है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा निर्णय दिया, जिसमें यह निर्देश हो कि वह कृषी कानूनों के लिए बनाई गई समिति के साथ बैठकर बातचीत करें और हल निकाले उस समय यह विपक्षी पार्टियां और किसान क्या करेंगे. क्या विपक्षी पार्टियों की राजनीति सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर होगी.
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वैसे अगर पृष्ठभूमि देखी जाए, तो कांग्रेस वही पार्टी है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जाकर देश में आपातकाल लगाई थी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाह बानो के ऊपर दिए गए फैसले का अपमान करते हुए संसद में जाकर कानून बना दिया था, इसलिए कांग्रेस के लिए कुछ भी संभव है.