हरिद्वार: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टियों के राष्ट्रीय नेता उत्तराखंड में आकर जनता को लुभाने में लगे हुए हैं. सभी नेता एक-दूसरे पर तंज कसने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अर्बन नक्सल बताया है. साथ ही कहा है कि अरविंद केजरीवाल बहरूपिया हैं. 20 अगस्त को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार पहुंचे थे. मीडिया ने अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड दौरे को लेकर और उत्तराखंड को अध्यात्मिक राजधानी बनाने को लेकर सवाल किया.
केजरीवाल को बताया अर्बन नक्सल
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केजरीवाल अर्बन नक्सल हैं. केजरीवाल रूप बदलते रहते हैं. त्रिवेंद्र की गुस्सा यहीं खत्म नहीं हुआ. उन्होंने केजरीवाल को बहरूपिया भी कहा और कहा कि यह भी कह सकते हैं कि केजरीवाल गिरगिट की तरह रंग बदलते रहते हैं. केजरीवाल जैसे गिरगिटों पर उत्तराखंड की जनता विश्वास नहीं कर सकती है.
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है, जिससे उनकी सरकार पर कोई दाग लगे हो, कोरोना जैसी परिस्थितियों में भी बीजेपी सरकार ने अच्छा काम किया है और लोगों की सेवा की है. इसी का फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा.
चुनाव आते ही राजनीतिक बयानबाजी शुरू
चुनाव आते ही नेताओं के राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो जाती है कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा था कि, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मंत्रियों को सख्ती के साथ नियंत्रित किया है और भ्रष्टाचार नहीं होने दिया, उनके समय में तमाम मंत्री नकेल में रहे.
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जिस तरह का बयान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दे रहे हैं, उसका क्या मायने हैं यह उन्हीं को पता है.लेकिन भाजपा में फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं है.अनिल बलूनी ने हरीश रावत को हरिद्वारीलाल कहा था और इस पर हरीश रावत ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि,भाजपा के नेता दिल्ली में बैठकर ट्वीट-ट्वीट खेल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को खुले मंच पर आमंत्रित करते हैं और चुनौती देते हैं कि विकास और रोजगार को लेकर उनके साथ बहस करें. वह सरकार के विफल साढ़े 4 सालों को लेकर भाजपा के सांसद अनिल बलूनी से बहस करने के लिए तैयार हैं.
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