नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आठ विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों (डीआरएससी) का पुनर्गठन किया है. इसमें 31-सदस्यीय होम पैनल में वरिष्ठ कांग्रेस राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम की नियुक्ति भी हुई है. संसद के उच्च सदन ने मंगलवार को यह जानकारी दी. राज्यसभा के सभापति ने चिदंबरम को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के रूप में ऐसे समय में नियुक्त किया जब पैनल तीन प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा कर रहा है. इनका उद्देश्य आपराधिक न्याय कानूनों भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) 1973, को बदलना है. इसे क्रमशः भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के रूप में दर्शाया गया है.
तीनों विधेयक 11 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पेश किए गए थे. 24 विभाग-संबंधित स्थायी समितियाँ (DRSCs) हैं. इनमें से प्रत्येक समिति में 31 सदस्य हैं जिसमें 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं. पी. चिदम्बरम की नियुक्ति कांग्रेस के पी. भट्टाचार्य के सेवानिवृत्त होने के बाद खाली हुई जगह पर हुई है. पार्टी के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी पहले से ही भाजपा सांसद बृज लाल की अध्यक्षता वाले होम पैनल के सदस्य हैं.
राज्यसभा द्वारा 28 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'राज्यसभा के सभापति ने लोकसभा अध्यक्ष के परामर्श से प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली आठ विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया है. इसके अलावा राज्यसभा सभापति ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया. इस बीच छह प्रमुख संसदीय समितियों - गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य के अध्यक्ष सभी बीजेपी या उसके सहयोगियों के पास है.
(एएनआई)